देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। शनिवार को कोरोना के मामलों की संख्या 3000 के पार हो गई और बढ़कर 3395 हो गई जिसमें केरल में सबसे ज्यादा 1336 मामले हैं उसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली का नंबर आता है। पिछले 24 घंटों में देश में चार मौतें हुई हैं जिनमें से एक दिल्ली केरल कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में हुई है।
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार शनिवार (31 मई, 2025) तक भारत में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,395 हो गई है जबकि पिछले 24 घंटों में संक्रमण से चार लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में 467 और दिल्ली में 375 मामले हैं। लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई।

केरल बना हॉटस्पॉट, दिल्ली और महाराष्ट्र भी अलर्ट
राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तो केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है, जहां 430 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 209, दिल्ली में 104 और कर्नाटक में 47 सक्रिय मामले हैं। राजधानी दिल्ली में अचानक 100 से अधिक केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है.
कई राज्यों में नहीं है कोई केस, फिर भी सतर्क रहने की सलाह
अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में फिलहाल कोई सक्रिय मामला नहीं है. हालांकि, बिहार में भी अब कोरोना के दो नए केस सामने आए हैं. इस बीच, कोरोना से हाल ही में महाराष्ट्र में 4, केरल में 2 और कर्नाटक में 1 मौत की रिपोर्ट सामने आई है, जबकि 305 मरीजों ने इस दौरान वायरस को मात दी है.
बीमार बच्चों को स्कूल न भेजने की सलाह
कोरोना की स्थिति में स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर कर्नाटक सरकार ने अभिभावकों से खास अपील की है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शुक्रवार देर रात जारी सरकारी परिपत्र में कहा गया कि यदि स्कूली बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण पाए जाते हैं, तो बच्चों को स्कूल न भेजें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उचित उपचार और देखभाल के उपाय अपनाएं। इसमें बच्चों को पूरी तरह ठीक होने के बाद ही स्कूल भेजने का निर्देश दिया गया है।
कोरोना के मामलों से घबराने की जरूरत नहीं

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के अधिकांश मामले हल्के हैं। इन कोरोना के मामलों से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। केरल में सबसे अधिक मामले दर्ज होने का कारण संभवतः यह है कि राज्य ने अधिक संख्या में कोविड टेस्ट किए हैं।
मिजोरम में 7 महीने के बाद कोरोना के 2 नए मामले
मिजोरम में भी कोरोना के दो मामले सामने आए हैं। राज्य में सात महीने के बाद अब जाकर कोरोना के केस मिले हैं। इसके बाद से पूर्वोत्तर भारत के सभी सातों राज्य कोरोना के मामलों लेकर सचेत हो गए हैं।
‘किसी भी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र तैयार’
बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा कि केंद्र किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरीके से तैयार है। उन्होंने एक समचार एजेंसी से बात करते हुए बताया कि हमारा केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और आयु। मंत्रालय पूरी तरीके से सतर्क है। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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