यूपी पुलिस की कमान संभालने वाले राजीव कृष्ण बने नए DGP !

राजीव कृष्णा 1991 बैच के IPS हैं. उन्हें कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. वे अभी डीजी विजिलेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं

उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी राजीव कृष्णा बनाए गए हैं. प्रशांत कुमार पिछले डेढ़ सालों से इस पद पर थे. आज वे रिटायर हो गए. आज उनके काम काज का आखिरी दिन था.  प्रशांत कुमार पिछले चार बार से यूपी में कार्यवाहक डीजीपी ही नियुक्त हो रहे थे. राजीव कृष्णा ने डीजीपी का चार्ज ले लिया. रिटायर हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने राजीव कृष्ण को बुके देकर डीजीपी पद का चार्ज सौंप दिया है.

राजीव कृष्णा 1991 बैच के IPS हैं. उन्हें कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. राजीव कृष्ण वर्तमान में सतर्कता निदेशक और यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से एक माना जाता है. राजीव कृष्णा जून 2029 तक सेवा में बने रहेंगे.

यूपी पुलिस की कमान संभालने वाले राजीव कृष्ण बने नए DGP !
यूपी पुलिस की कमान संभालने वाले राजीव कृष्ण बने नए DGP !

सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारी हैं राजीव

सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारी हैं राजीव
सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारी हैं राजीव

यूपी के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से एक माना जाता है। हाल ही में पेपर लीक विवादों के बाद उन्हें यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी, ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने इस कार्य को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया है। 

कौन हैं राजीव कृष्ण?

राजीव कृष्ण यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 1989 में आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक किया और 1991 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। उन्होंने एसपी फिरोजाबाद, एसपी फतेहगढ़, एसएसपी इटावा, एसएसपी मथुरा, एसएसपी बुलंदशहर, एसएसपी नोएडा, एसएसपी आगरा, एसएसपी लखनऊ, डीआईजी लखनऊ के साथ-साथ आईजी मेरठ के रूप में भी काम किया है।

बीएसएफ में भी कर चुके हैं काम

वह एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) के संस्थापक प्रमुख थे, जब इसकी स्थापना 26 नवंबर 2007 को यूपी की अदालतों में हुए तिहरे विस्फोटों के मद्देनजर की गई थी। यूपी एटीएस ने भारत भर में कई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार इंडियन मुजाहिदीन के गुर्गों को बेअसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 2012 में बीएसएफ में शामिल हुए और आईजी जम्मू के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2013 से 2017 तक 4 वर्षों के लिए बीएसएफ के महानिरीक्षक (ऑपरेशन) के रूप में कार्य किया है। इसके बाद वह फिर से यूपी वापस आ गए। 

अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख

राजीव कृष्ण की पहचान एक सख्त, तकनीक-प्रेमी और जनसेवा के प्रति समर्पित अधिकारी के रूप में है। वर्ष 2004 में आगरा के एसएसपी के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने बीहड़ क्षेत्रों में सक्रिय अपहरण गिरोहों पर करारा प्रहार किया और कई अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।

राजीव कृष्ण को मिल चुके हैं कई पुरस्कार

उन्हें वर्ष 2002 में वीरता के लिए पुलिस पदक, वर्ष 2009 में वीरता के लिए पुलिस पदक और 2015 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। उन्हें वर्ष 2007 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है।

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