मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सेंट्रल जीएसटी (CGST) के अंतर्गत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजी जाए ताकि उनका पंजीकरण निरस्त हो सके।
उत्तर प्रदेश में जीएसटी (GST) चोरी को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। राज्य में लगातार बढ़ रहे टैक्स चोरी के मामलों के बीच अब शेल कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है। जीएसटी विभाग की विशेष टीमों ने फर्जी बिलिंग, इनवॉइस घोटाले और बिना व्यापार के बनाए गए फर्जी फर्मों की पहचान का काम तेज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इन शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की गई है, जिससे राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ है। अब इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ इनका रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जाएगा।

विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ कंपनियां एक ही पते पर कई फर्मों को पंजीकृत कर जीएसटी का गलत लाभ उठा रही थीं। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तरह की धोखाधड़ी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में छापेमारी अभियान और तेज किया जाएगा ताकि टैक्स सिस्टम को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और कड़े प्रवर्तन की नीति अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने शेल कंपनियों और पंजीकृत फर्जी फर्मों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य व्यापारी बन्धुओं की सुविधाओं में सेंध लगाने का प्रयास है, जो अक्षम्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है और इससे राज्य की विकास योजनाओं तथा लोककल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है, वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर प्राप्त होना स्वाभाविक है।
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बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹1,75,725 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष अप्रैल-मई माह में अब तक ₹18,161.59 करोड़ रुपए का GST और वैट संग्रहित किया जा चुका है, जिसकी उन्होंने सराहना करते हुए लक्ष्य प्राप्ति की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने लखनऊ (दोनों ज़ोन), अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर सहित लगभग 14 ज़ोन में 60% या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया। वहीं वाराणसी जोन प्रथम, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन में 50% से कम संग्रह को असंतोषजनक बताते हुए तत्काल व्यापक समीक्षा का निर्देश दिया।
राजस्व केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि विकास की आधारशिला है

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर से कम संग्रह वाले क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाए, जिसे शासन फील्ड एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर गहनता से विश्लेषित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि विकास की आधारशिला है इसलिए हर अधिकारी को अपनी भूमिका को ज़िम्मेदारी और संवेदनशीलता से निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में संग्रहण की स्थिति कमजोर है, वहां के एडिशनल, ज्वाइंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी स्वयं व्यापारियों से संवाद करें और करदाता समुदाय में विश्वास, सहयोग और अनुपालन की भावना विकसित करें।
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