“बिहार में चुनावी रण का बिगुल! नित्यानंद राय बोले – तेजस्वी को सिर्फ एक महीने की मोहलत”
बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल कमर कस चुके हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि तेजस्वी यादव को अब केवल एक महीने की मोहलत है, उसके बाद जनता खुद फैसला कर देगी कि बिहार की बागडोर किसके हाथ में होनी चाहिए।

‘जनता जान चुकी है तेजस्वी की हकीकत’
नित्यानंद राय ने कहा कि “तेजस्वी यादव ने जिस तरह वादों की झड़ी लगाई, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं किया, उससे अब जनता का भरोसा उठ चुका है। लोगों ने अब ठान लिया है कि वे सिर्फ वादों पर नहीं, काम पर वोट देंगे। तेजस्वी जी को केवल एक महीना मिला है खुद को साबित करने का, लेकिन वो समय भी अब उनके हाथ से फिसलता नजर आ रहा है।”
‘नीतीश सरकार ने किया विकास, RJD ने किया वादाखिलाफी’

राय ने नीतीश कुमार और भाजपा गठबंधन सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि “हमने बिहार को जंगलराज से निकालकर विकास के पथ पर डाला है। सड़क, बिजली, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है, वो सबके सामने है। वहीं, आरजेडी के शासनकाल को लोग आज भी भय, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के प्रतीक के रूप में याद करते हैं।”
‘भाजपा अकेले लड़ने को भी तैयार’
एक अहम सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने कहा कि बीजेपी हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यदि ज़रूरत पड़ी तो पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा, “हमारे पास जमीनी कार्यकर्ताओं की ताकत है, प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व है और जनता का भरोसा। विपक्ष के पास सिर्फ नारों और जातिवाद की राजनीति के अलावा कुछ नहीं है।”
‘तेजस्वी की लोकप्रियता सोशल मीडिया तक सीमित’

तेजस्वी यादव की बढ़ती सोशल मीडिया मौजूदगी पर कटाक्ष करते हुए राय ने कहा, “वास्तविकता यह है कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड करना और जमीन पर समर्थन होना दो अलग चीजें हैं। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता ट्विटर तक सीमित है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की पहुंच गांव-गांव तक है।”
‘कानून-व्यवस्था पर नहीं किया कोई काम’
राय ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, युवाओं को रोजगार, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर कभी ठोस कार्य नहीं किया। “सिर्फ घोषणाएं करने से राज्य नहीं चलते, इसके लिए संकल्प और समर्पण चाहिए,” उन्होंने जोड़ा।
निष्कर्ष
नित्यानंद राय के इस साक्षात्कार से स्पष्ट है कि बीजेपी बिहार चुनाव को लेकर पूरी तरह से आक्रामक मुद्रा में है। वहीं, विपक्ष के नेताओं पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि बिहार की जनता अब विकास बनाम वादाखिलाफी के आधार पर वोट करेगी। अब देखना यह है कि क्या तेजस्वी यादव इस ‘एक महीने की मोहलत’ को अवसर में बदल पाते हैं या फिर भाजपा का दावा साबित होता है।