टिहरी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग पर शिव भक्तों को ले जा रहा एक ट्रक पलट जाने से तीन कांवड़ियों की मौत हो गई और 18 घायल हो गए।
उत्तराखंड के टिहरी जिले में सोमवार को एक दर्दनाक हादसे में कांवड़ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के बीच मातम पसर गया। एक ट्रक के पलट जाने से तीन कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 18 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में से चार की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है।

❖ हादसा कैसे हुआ?

जानकारी के अनुसार, यह हादसा टिहरी जिले के चंबा-नई टिहरी मार्ग पर हुआ, जहां एक ट्रक में सवार होकर कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव लौट रहे थे। तभी एक तीव्र मोड़ पर ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ट्रक की गति अधिक थी और सड़कों की फिसलन के कारण ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा।
हादसा इतना भीषण था कि कई कांवड़िए ट्रक के नीचे दब गए और चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और पुलिस-प्रशासन को सूचना दी।
हादसे में 4 साल के बच्चे को खरोंच तक नहीं आई
ट्रक पलटने से श्रद्धालुओं के शरीर खून में लथपथ हो गए, वहीं 4 वर्षीय मासूम नकुल को खरोंच तक नहीं आई और ट्रक के मलबे से जब नकुल को पूरी तरह सुरक्षित बाहर निकाला गया तो आंखें नम हो गईं और इसे ‘ईश्वरीय चमत्कार’ कहा जाने लगा।
❖ रेस्क्यू ऑपरेशन और मेडिकल सहायता
हादसे की सूचना मिलते ही चंबा पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर घायलों को तुरंत चंबा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। वहां से गंभीर रूप से घायलों को हायर सेंटर और फिर एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया।
प्रशासन ने मौके पर क्रेन मंगवाकर पलटे हुए ट्रक को हटवाया और यातायात सामान्य कराया।
❖ मृतकों की पहचान और परिवार को सूचना
हादसे में जिन तीन कांवड़ियों की मौत हुई है, उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। प्रशासन ने संबंधित जिलों की पुलिस को सूचना दे दी है ताकि परिजनों को जल्द से जल्द सूचित किया जा सके।
❖ प्रशासन का बयान
टिहरी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा:
“यह बेहद दुखद हादसा है। घायलों को हरसंभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मामले की जांच की जा रही है और ट्रक चालक की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी।”
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चालक घटना के बाद फरार हो गया है और उसकी तलाश की जा रही है।
❖ कांवड़ यात्रा में सुरक्षा पर सवाल
हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु कांवड़ लेकर गंगा जल के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे स्थानों पर पहुंचते हैं। लेकिन इस बार भीड़भाड़, ट्रैफिक और अनियंत्रित वाहन यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हादसे ओवरलोडिंग, असावधानीपूर्वक ड्राइविंग और कमजोर निगरानी व्यवस्था का परिणाम होते हैं।
❖ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी न हो।
❖ निष्कर्ष
टिहरी जिले में हुआ यह हादसा सावन की श्रद्धा को झकझोर देने वाला है। कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, लेकिन यात्रा के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी अक्सर जानलेवा साबित हो रही है। यह घटना फिर से एक चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में व्यवस्थाओं की गंभीर समीक्षा और कड़ी निगरानी की जरूरत है।
प्रशासनिक जांच जारी है, और हादसे के सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।
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