पहले दो टेस्ट में टूटा 100 साल पुराना रिकॉर्ड, क्या लॉर्ड्स में रचेगा क्रिकेट नया इतिहास?

भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में ही इतने रन बन गए हैं, जो इससे पहले कभी नहीं बने थे। दोनों टीमों ने मिलकर अब से करीब 100 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया है।

क्रिकेट इतिहास में जब-जब रिकॉर्ड टूटते हैं, तो खेल प्रेमियों के दिलों की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ हाल ही में खेले गए पहले दो टेस्ट मैचों में देखने को मिला, जब एक ऐसा रिकॉर्ड टूटा जो पिछले 100 वर्षों से कायम था। इस ऐतिहासिक क्षण ने पूरी क्रिकेट दुनिया को चौंका दिया और अब सभी की निगाहें लॉर्ड्स के मैदान पर टिक गई हैं, जहां तीसरे टेस्ट में एक नया इतिहास लिखे जाने की पूरी संभावना है।

पहले दो टेस्ट में टूटा 100 साल पुराना रिकॉर्ड, क्या लॉर्ड्स में रचेगा क्रिकेट नया इतिहास?
पहले दो टेस्ट में टूटा 100 साल पुराना रिकॉर्ड, क्या लॉर्ड्स में रचेगा क्रिकेट नया इतिहास?

क्या था वह 100 साल पुराना रिकॉर्ड?

क्रिकेट के इतिहास में अब तक किसी भी टेस्ट सीरीज़ के पहले दो मैचों में 1200 से अधिक रन दोनों टीमों द्वारा मिलकर बनाए गए हों, ऐसा बहुत कम देखने को मिला है। लेकिन इस बार, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी एशेज सीरीज़ में पहले दो टेस्ट में कुल मिलाकर 1287 रन बने — जो कि पिछले 100 वर्षों में सर्वाधिक है। इससे पहले ऐसा रिकॉर्ड 1924 में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच बना था, जहां पहले दो टेस्ट मैचों में कुल 1220 रन बने थे।

दोनों टीमों का आक्रामक खेल

इस सीरीज़ की खास बात रही दोनों टीमों का आक्रामक रवैया। इंग्लैंड की ‘बैज़बॉल’ रणनीति ने रनों की बौछार कर दी, वहीं ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन और ट्रैविस हेड जैसे बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने पहली पारी में 393 रन बनाए जिसमें जो रूट का शानदार शतक शामिल था। ऑस्ट्रेलिया ने भी उसी अंदाज़ में जवाब देते हुए 386 रन बना डाले। दूसरे टेस्ट में यह सिलसिला और भी तेज़ हो गया, जब दोनों टीमों के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया।

गेंदबाज़ों की चुनौती

इन दो टेस्ट में जिस तरह से रनों की बाढ़ आई, उसने गेंदबाज़ों की परीक्षा भी ले ली। खासकर तेज़ गेंदबाज़ों को परिस्थितियों से जूझना पड़ा, क्योंकि पिचें बल्लेबाजी के लिए अनुकूल साबित हुईं। जेम्स एंडरसन जैसे अनुभवी गेंदबाज़ भी ज्यादा असरदार नहीं दिखे, जबकि पैट कमिंस और मिशेल स्टार्क को भी कड़ी मेहनत करनी पड़ी।

अब नज़रे लॉर्ड्स पर

तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा, जिसे क्रिकेट का मक्का कहा जाता है। ऐसे में सवाल उठता है — क्या लॉर्ड्स में भी इसी तरह रनों की बारिश देखने को मिलेगी या फिर गेंदबाज़ वापसी करेंगे? लॉर्ड्स की पिच पारंपरिक रूप से स्विंग और सीम मूवमेंट के लिए जानी जाती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां भी बल्लेबाज़ों का बोलबाला रहा है। यदि मौसम साफ रहा और पिच सपाट रही, तो संभव है कि यह टेस्ट भी रन-उत्सव में तब्दील हो जाए।

क्या बन सकता है नया इतिहास?

यदि तीसरे टेस्ट में भी 600 से अधिक रन बने, तो यह टेस्ट सीरीज़ सबसे अधिक रन बनाने वाली सीरीज़ बन सकती है। इसके साथ ही, जो रूट और स्टीव स्मिथ जैसे खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत आंकड़ों में भी बड़ी छलांग लगा सकते हैं। साथ ही, अगर लॉर्ड्स में इंग्लैंड जीत जाता है, तो सीरीज़ रोमांचक मोड़ पर पहुंच जाएगी, और क्रिकेट प्रेमियों को रोमांच की एक नई ऊंचाई देखने को मिलेगी।

निष्कर्ष

क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, भावनाओं का संगम है, और जब ऐतिहासिक रिकॉर्ड टूटते हैं, तो यह खेल एक नई दिशा की ओर बढ़ता है। पहले दो टेस्ट में जो देखने को मिला, उसने साबित कर दिया कि क्रिकेट अब एक नई दहलीज़ पर है। लॉर्ड्स में क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि क्रिकेट प्रेमियों को इतिहास बनते देखने का एक और सुनहरा मौका मिलने जा रहा है।

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