मिचेल स्टार्क अब उस मुकाम के करीब हैं, जो इससे पहले केवल एक ही ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज छू पाया है।
ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने के बेहद करीब हैं। वह एक ऐसे मुकाम पर पहुंचने जा रहे हैं, जिसे अब तक केवल एक ही ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ हासिल कर सका है। टेस्ट क्रिकेट में 350 विकेटों का आंकड़ा पार करने से मात्र कुछ ही कदम दूर खड़े स्टार्क अब ग्लेन मैकग्रा के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे ऑस्ट्रेलियाई पेसर बनने वाले हैं।

तेज़ गेंदबाज़ी का चमकता सितारा

मिचेल स्टार्क ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। बाएं हाथ के इस गेंदबाज़ ने अपने पूरे करियर में लगातार गति, स्विंग और नियंत्रण का बेहतरीन मेल दिखाया है। उन्होंने न केवल टेस्ट क्रिकेट में बल्कि वनडे और टी20 में भी अपनी छाप छोड़ी है। उनकी यॉर्कर गेंदें और नई गेंद से स्विंग कराने की क्षमता किसी भी बल्लेबाज़ के लिए खतरे की घंटी बन जाती है।
350 विकेट की ऐतिहासिक उपलब्धि
अब तक केवल एक ही ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ – ग्लेन मैकग्रा – ने टेस्ट क्रिकेट में 500 से अधिक विकेट लिए हैं। उनके बाद डेनिस लिली, मिचेल जॉनसन और ब्रेट ली जैसे दिग्गज गेंदबाज़ 300 से ज्यादा विकेट तक पहुंचे, लेकिन 350 का आंकड़ा छूने में केवल मैकग्रा सफल रहे। अब मिचेल स्टार्क इस सूची में शामिल होने की दहलीज पर हैं। अगर वह आगामी टेस्ट मैचों में सामान्य प्रदर्शन भी करते हैं, तो 350 विकेट का आंकड़ा जल्द ही उनके नाम हो जाएगा।
मिचेल स्टार्क का करियर ग्राफ
अब तक मिचेल स्टार्क ने लगभग 85 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं और 340 से अधिक विकेट ले चुके हैं। उनका गेंदबाज़ी औसत लगभग 27 के आसपास रहा है, जो इस स्तर के गेंदबाज़ के लिए बेहद शानदार माना जाता है। वे अपनी गेंदबाज़ी में निरंतरता के लिए जाने जाते हैं और जब-जब टीम को ज़रूरत पड़ी, उन्होंने विकेट निकालकर कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम किया है।
विश्व मंच पर प्रदर्शन
स्टार्क ने सिर्फ टेस्ट में ही नहीं, बल्कि 2015 और 2023 के वनडे वर्ल्ड कप में भी कमाल का प्रदर्शन किया। 2015 विश्व कप में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे और ऑस्ट्रेलिया की जीत में उनकी अहम भूमिका रही थी। इसी तरह 2019 और 2023 के वर्ल्ड कप में भी उन्होंने कई बार विरोधी टीमों के टॉप ऑर्डर को तहस-नहस किया।
फिटनेस रही है चुनौती
हालांकि स्टार्क का करियर पूरी तरह से सुचारू नहीं रहा। चोटों की वजह से उन्हें कई बार टीम से बाहर होना पड़ा और वापसी के बाद भी उन्हें अपनी लय पाने में समय लगा। लेकिन उनकी मेहनत, समर्पण और गेंदबाज़ी में जुनून ने उन्हें हमेशा वापसी करने में मदद की। हर बार उन्होंने खुद को और बेहतर साबित किया।
भविष्य की राह
ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए स्टार्क अब भी एक प्रमुख गेंदबाज़ हैं, खासकर विदेशी दौरों पर। उनकी स्विंग गेंदबाज़ी इंग्लैंड, भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों के खिलाफ हमेशा कारगर रही है। अगर वह इसी लय को बनाए रखते हैं तो न सिर्फ 350 बल्कि 400 विकेट का आंकड़ा भी मुमकिन है।
निष्कर्ष
मिचेल स्टार्क की उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है। जब वह 350 विकेटों का आंकड़ा छूएंगे, तो यह एक और संकेत होगा कि ऑस्ट्रेलिया ने एक और महान तेज़ गेंदबाज़ पैदा किया है। अब सभी की निगाहें उस ऐतिहासिक टेस्ट पर होंगी, जहां स्टार्क इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर सकते हैं।
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