हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनौत को सांसदी से इस्तीफा दे देना चाहिए। आइए जानते हैं कि उन्होंने और क्या कहा।
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अचानक एक नया मोड़ देखने को मिला है। राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री ने बॉलीवुड अभिनेत्री और हाल ही में मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बनी कंगना रनौत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने की सलाह दे दी है। मंत्री के इस बयान से सियासी हलकों में हलचल मच गई है और भाजपा के भीतर भी इसे लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।

क्या है पूरा मामला?
हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कंगना रनौत को लेकर बड़ा बयान दे डाला। उन्होंने कहा, “कंगना रनौत को अगर राजनीति में कोई रुचि नहीं है और वह लगातार संसदीय जिम्मेदारियों से दूरी बना रही हैं, तो उन्हें नैतिकता के आधार पर सांसद पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।”
मंत्री का यह बयान उस समय आया जब मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि कंगना रनौत शपथ लेने के बाद से अभी तक मंडी लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय नहीं दिखीं और ना ही संसद की कार्यवाही में उनकी कोई विशेष भागीदारी रही है।
कंगना की अनुपस्थिति पर सवाल
मंडी लोकसभा सीट से कंगना रनौत को भारी बहुमत से जीत मिली थी। उनके चुनाव जीतने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता को उम्मीद थी कि वह अब मंडी क्षेत्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएंगी। लेकिन हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, कंगना ने ना तो जनता दरबार आयोजित किए और ना ही कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम किया, जिससे लोग निराश हैं।
हिमाचल के कई नेताओं और विपक्षी दलों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि यह “सेलिब्रिटी पॉलिटिक्स” का उदाहरण है, जहां स्टारडम के बल पर चुनाव तो जीत लिया जाता है, लेकिन जनता की सेवा करने की कोई तैयारी नहीं होती।
रोहित ठाकुर का तीखा बयान

रोहित ठाकुर, जो कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालते हैं, ने अपने बयान में कंगना की अनुपस्थिति को लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए “अस्वीकार्य” बताया। उन्होंने कहा, “सांसद बनना सिर्फ नाम का पद नहीं है। यह जनता के भरोसे और जिम्मेदारी का विषय है। अगर कोई व्यक्ति अपने क्षेत्र में नज़र नहीं आता, न ही संसद में बहस का हिस्सा बनता है, तो फिर ऐसे प्रतिनिधि का कोई औचित्य नहीं रह जाता।”
भाजपा का रुख
हालांकि भाजपा ने इस बयान पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी के अंदरूनी हलकों में इस बयान को लेकर असहजता है। भाजपा के कुछ नेता मानते हैं कि कंगना को अपनी भूमिका को लेकर और अधिक गंभीर होना चाहिए ताकि जनता का भरोसा बना रहे।
कंगना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
इस पूरे विवाद पर अभी तक कंगना रनौत की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वह सक्रिय रही हैं और भारत सरकार की नीतियों व पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन करती रही हैं। लेकिन मंडी क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर उनका कोई बयान या पहल सामने नहीं आया है।
निष्कर्ष
कंगना रनौत पर मंत्री रोहित ठाकुर का तीखा बयान हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे चुका है। यह सवाल अब व्यापक रूप से उठने लगा है कि क्या सिर्फ लोकप्रियता के आधार पर किसी सेलिब्रिटी को संसद भेजना सही है? क्या कंगना रनौत राजनीति को गंभीरता से लेंगी या उनका सफर सिर्फ एक प्रतीकात्मक जीत तक सीमित रहेगा?
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट है कि जनता अब अपने प्रतिनिधियों से सिर्फ प्रचार नहीं बल्कि सक्रिय भागीदारी और जवाबदेही की उम्मीद करती है। यदि कंगना इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने में विफल रहती हैं, तो आने वाले समय में उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
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