सावन के पहले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में विधि-विधान से रुद्राभिषेक किया। उन्होंने X पर तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए सभी को श्रावण मास की शुभकामनाएं दीं।
सावन मास का पावन आरंभ हो चुका है और इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया।
यह धार्मिक अनुष्ठान मुख्यमंत्री द्वारा गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में विधिवत् रूप से किया गया, जहां उन्होंने गंगा जल, दूध, दही, शहद और घृत से भगवान शिव का जलाभिषेक कर प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।

सावन में शिवभक्ति की झलक
सावन मास हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। देश भर में खासकर उत्तर भारत में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा, रुद्राभिषेक, व्रत और शिवालयों में दर्शन पूजन के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करते हैं।
इसी परंपरा को निभाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रावण के पहले सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में भव्य पूजन किया। वह स्वयं एक योगी और गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं, इसलिए उनका यह पूजन ना केवल आध्यात्मिक भावनाओं से जुड़ा था, बल्कि एक सांस्कृतिक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
रुद्राभिषेक का विशेष अनुष्ठान
गोरखनाथ मंदिर में हुए रुद्राभिषेक में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चारण के बीच योगी आदित्यनाथ ने भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने बेलपत्र, धतूरा, आक, सफेद फूल और भस्म अर्पित कर पूजा को पूर्ण किया। उन्होंने विशेष रूप से प्रदेश की जनता की सुख-शांति, उत्तम स्वास्थ्य, कृषि में वृद्धि और कानून व्यवस्था की मजबूती की प्रार्थना की।
पूजा के पश्चात योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“भगवान शिव की कृपा सभी पर बनी रहे। उत्तर प्रदेश में समृद्धि, शांति और विकास की धारा निरंतर बहती रहे, यही मेरी कामना है। श्रावण मास शिवभक्ति के साथ आत्मनियंत्रण और समाज सेवा का संदेश देता है।”
प्रदेश के लिए शुभ संकेत
मुख्यमंत्री के इस धार्मिक आयोजन को कई राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोणों से भी देखा जा रहा है। एक ओर जहां यह उनकी व्यक्तिगत आस्था और परंपरा को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूती देता है।
योगी सरकार धार्मिक स्थलों के विकास, तीर्थयात्रा योजनाओं और संस्कृति संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और मथुरा-वृंदावन विकास योजनाएं इसी का उदाहरण हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था की समीक्षा भी
पूजा के बाद सीएम योगी ने सावन के पहले सोमवार को लेकर राज्यभर में कांवड़ यात्रा, शिवालयों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में की गई सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को कहीं भी असुविधा ना हो, विशेषकर कांवड़ यात्रा मार्गों पर यातायात और आपात सेवाओं की चौकसी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा, “श्रद्धालु हमारी सांस्कृतिक विरासत के संवाहक हैं। उनकी सेवा करना हम सबका कर्तव्य है। प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि उन्हें सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएं सहज रूप से उपलब्ध हों।”
सावन में इस बार पड़ रहे हैं 4 सोमवार
बता दें कि सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही देश भर के शिव मंदिरों में विशेष पूजा पाठ किया जा रहा है। आज से ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी हो गई है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक इस पवित्र महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यही वजह है कि आज सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। काशी विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ से लेकर उज्जैन महाकाल मंदिर तक आज सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं। इस सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को जबकि आखिरी सोमवार 4 अगस्त को पड़ेगा।
निष्कर्ष
सावन के प्रथम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया रुद्राभिषेक केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था – आध्यात्मिकता और जनकल्याण के समन्वय का। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में, जहाँ आस्था का गहरा प्रभाव है, ऐसे आयोजनों से जनता और सरकार के बीच विश्वास और सांस्कृतिक जुड़ाव और मजबूत होता है।
सावन का यह पावन महीना सभी के लिए मंगलकारी हो, प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहे, और जन-जन को शिवकृपा प्राप्त हो – यही थी योगी आदित्यनाथ की प्रार्थना और शुभकामना।