पेट्रो-केमिकल घोटाले की तप्तीश: ED दफ्तर पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा !

रॉबर्ट वाड्रा आज ईडी दफ्तर पहुंचे हैं, जहां उनसे पेट्रो-केमिकल प्रोजेक्ट से जुड़े घोटाले से संबंधित मामले में पूछताछ होगी।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सवालों के घेरे में हैं। सोमवार सुबह वे दिल्ली स्थित ED के दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे पेट्रो-केमिकल क्षेत्र से जुड़े एक कथित घोटाले को लेकर पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह मामला करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन, विदेशी कंपनियों से गठजोड़ और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है।

पेट्रो-केमिकल घोटाले की तप्तीश: ED दफ्तर पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा !
पेट्रो-केमिकल घोटाले की तप्तीश: ED दफ्तर पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा !

क्या है मामला?

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा मामला एक अंतरराष्ट्रीय पेट्रो-केमिकल व्यापार सौदे से जुड़ा हुआ है, जिसमें कुछ भारतीय कंपनियों ने कथित रूप से विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितताएं कीं। इन लेन-देन में रॉबर्ट वाड्रा की कथित भूमिका को लेकर ED ने पिछले कुछ महीनों से जांच तेज कर दी थी।

जानकारी के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा की एक कंपनी ने वर्ष 2013 से 2018 के बीच पेट्रो-केमिकल उत्पादों के आयात-निर्यात में कुछ लेन-देन किए थे, जिनमें टैक्स चोरी, अघोषित विदेशी संपत्तियां और फर्जी कंपनियों के माध्यम से फंड ट्रांसफर किए जाने की आशंका जताई जा रही है। इन्हीं मुद्दों को लेकर ED ने उन्हें समन भेजा था और आज वह पूछताछ के लिए पेश हुए।

ED की कार्रवाई और पूछताछ

ED की कार्रवाई और पूछताछ
ED की कार्रवाई और पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने वाड्रा से उनकी कंपनियों के विदेशी खातों, निवेश और लेन-देन से जुड़ी जानकारी मांगी है। अधिकारियों ने उन्हें करीब 30 बिंदुओं पर प्रश्नावली भेजी थी, जिसमें यह पूछा गया कि उनके द्वारा विदेश में किन-किन कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध बनाए गए, उनके भुगतान का स्रोत क्या था और क्या इनमें किसी तरह की टैक्स चोरी की गई थी।

पूछताछ सुबह 11 बजे शुरू हुई और समाचार लिखे जाने तक जारी थी। माना जा रहा है कि रॉबर्ट वाड्रा से दो दिन तक लगातार पूछताछ हो सकती है और आवश्यकता पड़ने पर आगे की पेशी के लिए भी बुलाया जा सकता है।

कांग्रेस का विरोध

जैसे ही यह खबर सामने आई, कांग्रेस पार्टी ने इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा,
“जब-जब चुनाव पास आते हैं या सरकार सवालों के घेरे में होती है, तब-तब विपक्षी नेताओं के परिवारजनों को निशाना बनाया जाता है। रॉबर्ट वाड्रा एक निजी व्यापारी हैं, उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, फिर भी जांच एजेंसियां उन्हें बार-बार परेशान कर रही हैं।”

बीजेपी का पलटवार

वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा,
“अगर रॉबर्ट वाड्रा ने कुछ गलत नहीं किया है, तो उन्हें जांच में सहयोग देना चाहिए। लेकिन कांग्रेस हमेशा जांच को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करती है। देश जानता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कौन-कौन लिप्त रहा है।”

पूर्व में भी लगे हैं आरोप

यह पहली बार नहीं है जब रॉबर्ट वाड्रा जांच एजेंसियों के रडार पर आए हैं। इससे पहले भी उन पर जमीन सौदों में अनियमितताओं, विदेश में संपत्तियों की खरीद और फर्जी कंपनियों के माध्यम से फंड ट्रांसफर जैसे आरोप लग चुके हैं। हालांकि वाड्रा हमेशा इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं और खुद को निर्दोष बताते आए हैं।

आगे क्या?

प्रवर्तन निदेशालय अब वाड्रा से प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों की पुष्टि करेगा और जरूरत पड़ने पर उनके सहयोगियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। यदि घोटाले में ठोस सबूत मिलते हैं, तो ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ा सकती है।

निष्कर्ष

रॉबर्ट वाड्रा की ED के सामने पेशी एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि देश में हाई-प्रोफाइल नेताओं के रिश्तेदारों को भी जांच एजेंसियों की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। यह मामला आने वाले दिनों में राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर गर्मा सकता है, खासकर तब जब देश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

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