मॉनसून सत्र में मोदी सरकार की रणनीति तय: ये 8 अहम बिल हो सकते हैं पेश !

मोदी सरकार ने मॉनसून सत्र के लिए कमर कस ली है। माना जा रहा है कि मॉनसून सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में कई अहम बिल पेश कर सकती है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

देश की संसद का मॉनसून सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है और मोदी सरकार ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। यह सत्र न सिर्फ विधायी एजेंडे के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद नई सरकार के गठन के बाद का पहला पूर्ण सत्र होने के कारण राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इस बार सरकार करीब 8 प्रमुख विधेयक संसद में पेश कर सकती है, जो सामाजिक, विधिक और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े हैं।

मॉनसून सत्र में मोदी सरकार की रणनीति तय: ये 8 अहम बिल हो सकते हैं पेश !
मॉनसून सत्र में मोदी सरकार की रणनीति तय: ये 8 अहम बिल हो सकते हैं पेश !

1. यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) बिल

सबसे ज्यादा चर्चित और बहुप्रतीक्षित विधेयकों में से एक यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) बिल इस बार संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में है। यह बिल विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मुद्दों पर सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का प्रावधान करेगा। हालांकि विपक्षी दल और अल्पसंख्यक संगठन इसका विरोध कर सकते हैं, जिससे सदन में तीखी बहस की संभावना है।

2. नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) के नियम

हालांकि CAA पहले ही संसद में पारित हो चुका है, लेकिन इसके नियमों को लागू करने के लिए आवश्यक अधिसूचना और प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। माना जा रहा है कि सरकार इस सत्र में CAA के कार्यान्वयन से जुड़ी प्रक्रिया को संसद के पटल पर रख सकती है।

3. डिजिटल इंडिया विधेयक

पुराने आईटी कानून की जगह लेने के लिए डिजिटल इंडिया विधेयक लाया जा सकता है, जो इंटरनेट गवर्नेंस, डेटा प्रोटेक्शन, सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही और साइबर अपराध पर केंद्रित होगा। यह बिल डिजिटल युग में नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

4. घुसपैठ रोकथाम और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बिल

उत्तर-पूर्वी राज्यों और सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती घुसपैठ को देखते हुए सरकार एक नया सुरक्षा विधेयक ला सकती है, जिसमें देश की सीमाओं पर रहने वालों की पहचान और अवैध घुसपैठियों की रोकथाम को मजबूत करने के प्रावधान होंगे।

5. कृषि सुधार विधेयक (संशोधित)

कृषि कानूनों की वापसी के बाद सरकार एक संशोधित और संतुलित कृषि सुधार विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें किसान संगठनों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए नई रूपरेखा तय की जाएगी। यह बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अनुबंध खेती पर केंद्रित हो सकता है।

6. लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने का विधेयक (One Nation, One Election)

सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार को साकार करने की दिशा में पहला कदम उठा सकती है। इसके तहत एक प्रस्तावित बिल लाकर चर्चा शुरू की जा सकती है, जिसमें संवैधानिक संशोधनों की जरूरत होगी। यह विधेयक अगर आता है तो यह सत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।

7. शिक्षा क्षेत्र में सुधार से जुड़ा राष्ट्रीय परीक्षा प्राधिकरण विधेयक

NEET-UG और UGC-NET जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं में हालिया विवादों को देखते हुए सरकार एक नेशनल एग्जामिनेशन अथॉरिटी (NEA) गठन का प्रस्ताव ला सकती है, जिससे परीक्षाओं की पारदर्शिता, सुरक्षा और निष्पक्षता को सुनिश्चित किया जा सके।

8. महिला आरक्षण से जुड़ा प्रभावी क्रियान्वयन विधेयक

हालांकि महिला आरक्षण बिल पहले ही पारित हो चुका है, लेकिन उसके प्रभावी कार्यान्वयन और परिसीमन प्रक्रिया को लेकर आगे की प्रक्रिया पर आधारित एक नया विधेयक या प्रस्ताव इस सत्र में सामने आ सकता है।

राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम होगा सत्र

यह सत्र लोकसभा चुनाव 2024 के बाद मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला मुख्य सत्र होगा। इसलिए सरकार अपनी नीतियों को दृढ़ता से प्रस्तुत करने की कोशिश करेगी। वहीं, विपक्ष, विशेषकर INDIA गठबंधन, केंद्र सरकार को NEET पेपर लीक, महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा, ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर घेरेगा।

निष्कर्ष

मॉनसून सत्र 2025, विधायी और राजनीतिक दोनों ही पहलुओं से काफी गर्म रहने वाला है। एक ओर जहां सरकार कानून निर्माण के मोर्चे पर सक्रिय दिख रही है, वहीं विपक्ष भी उसे घेरने के लिए कमर कस चुका है। अब देखना यह होगा कि इन 8 संभावित विधेयकों पर संसद में क्या बहस होती है और किन कानूनों को लागू करने में सरकार सफल होती है।

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