अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘डॉन’ के निर्देशक चंद्र बरोट का रविवार को मुंबई में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी पत्नी दीपा बरोट ने इस खबर की पुष्टि की।
अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘डॉन’ (1978) के निदेशक चंद्र बारोत का आज (20 जुलाई 2025) निधन हो गया है। वे वायरल फिब्रोसिस (pulmonary fibrosis) से लंबा समय जूझ रहे थे और मुंबई में गुरु नानक अस्पताल में उनका निधन हुआ। उनकी पत्नी, दीपा बारोत, ने इस जानकारी की पुष्टि की !

शुरुआती जीवन और फिल्मी सफर

चंद्र बारोत का जन्म पूर्वी अफ्रीका (तंजानिया) में हुआ। वे शुरुआती वर्षों में बैंकिंग में कार्यरत थे, लेकिन फिल्मी दुनिया ने हमेशा उनका दिल खींचा। उन्होंने भारत आकर मनोज कुमार की फ़िल्मों जैसे Purab Aur Pachhim, Shor, Roti Kapada Aur Makaan में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया, जिससे उन्होंने निर्देशन में शुरुआती शुरुआती बुनियाद रखी ।
‘डॉन’—एक सदाबहार कृति
प्रोड्यूसर नारिमन इरानी के सहयोग से चंद्र बारोत ने अमिताभ बच्चन अभिनीत ‘डॉन’ का निर्देशन किया। हालांकि शुरुआत में बड़ी स्टार कास्ट इसे रिजेक्ट कर चुकी थी, लेकिन सलिम-जावेद की जबरदस्त पटकथा के साथ बारोत ने अमिताभ और ज़ीनत अमान को फिल्म में लिया, और परिणामस्वरूप यह फिल्म 12 मई 1978 को रिलीज़ हुई। ‘डॉन’ रिकॉर्ड ब्रेकिंग हिट साबित हुई और अमिताभ की करियर में एक और मील का पत्थर साबित हुई ।
स्वास्थ्य समस्याएँ और निधन
पिछले सात वर्षों से चंद्र बारोत फ़ेफड़ों की बीमारी—पल्मोनरी फिब्रोसिस—से जूझ रहे थे। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था—पहले Jaslok और बाद में गुरु नानक अस्पताल, मुंबई में। Ultimately, उन्होंने cardiac arrest के कारण आज सुबह अंतिम सांस ली ।
फ़िल्मी जीवन के बाद
‘डॉन’ के अलावा चंद्र बारोत ने 1989 में बांग्ला फिल्म ‘आश्रिता’ और 1991 में हिंदी फिल्म ‘प्यार भरा दिल’ निर्देशित की। हालांकि उनकी अन्य परियोजनाएँ—Boss, Neil Ko Pakadna… Impossible, और Hong Kong Wali Script—अनामत रह गईं।
‘डॉन’ फ्रेंचाइज़ी का असर
चंद्र बारोत की ‘डॉन’ की सफलता, उसका स्टाइल और थ्रिल ने भारतीय सिनेमा में एक नई मिसाल कायम की। इस फिल्म को लेकर 2006 में फरहान अख़्तर ने शाहरुख खान के साथ रीमेक बनाया। इसके बाद ‘डॉन 2’ और वर्तमान में ‘डॉन 3: रेवेंज’ (रणवीर सिंह—मुख्य भूमिका) भी बना रहे हैं, जिसमें फरहान खुद निर्देशन भूमिका में हैं ।
विरासत और योगदान
- सिनेमा की दृष्टि – चंद्र बारोत ने व्यापक सस्पेंस, स्टाइलिश फ्रेमिंग और म्यूज़िक-फिल्ड थ्रिलर फ़ॉर्म में नया आयाम डाला।
- फ़्रेंचाइज़ी की नींव – उन्होंने ‘डॉन’ जैसी कमर्शियल-थ्रिलर को भविष्य की पीढ़ियों तक प्रभावी रूप में पहुंचाया।
- फिल्म उद्योग में कंधे से कंधा मिलाकर – उन्होंने अपनी दोस्ती, विज़न, और कड़े परिश्रम से यह साबित किया कि व्यक्तिगत संबंध भी बेहतरीन काम कराते हैं।
निष्कर्ष
चंद्र बारोत का निधन न केवल ‘डॉन’ के निर्देशक की मौत थी, बल्कि वह एक युग का अंत था जिसने बॉलीवुड में थ्रिल और क्राइम-जनर के लिए एक नया रास्ता खोला। उनकी कहानी बैंक से फिल्मी दुनिया तक का सफर थी—जिसमें उन्होंने दोस्ताना विश्वास, सच्चा जुनून और तकनीकी दक्षता को मिलाकर भारतीय सिनेमा को एक स्थायी क्लासिक दिया। आज, हम न केवल एक व्यक्ति को याद कर रहे हैं, बल्कि उस सांस्कृतिक धरोहर को संजो रहे हैं जिसे उन्होंने पीछे छोड़ा।
उनके योगदान से जुड़ी यादें—जैसे अमिताभ बच्चन का अद्वितीय किरदार, फरहान अख़्तर की श्रद्धांजलि, और ‘डॉन’ फ्रेंचाइज़ी की आगे बढ़ती विरासत—हमेशा बॉलीवुड में गूंजती रहेंगी।
Also Read :
‘पंचायत’ फेम एक्टर को पड़ा दिल का दौरा, अस्पताल में भर्ती – जानें कैसी है ताज़ा हालत !