दिल्ली हाई कोर्ट में न्याय की नई ताकत, छह जजों ने ली शपथ !

सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में छह नए न्यायाधीशों ने पद की शपथ ली। इनके शपथ लेने के साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 40 हो गई।

दिल्ली हाई कोर्ट को सोमवार को छह नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक गति और मजबूती मिली है। शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इन नए न्यायाधीशों के शामिल होने के साथ ही अब दिल्ली हाई कोर्ट में कुल न्यायाधीशों की संख्या 40 हो गई है, जो कि न्यायिक मामलों के शीघ्र निपटारे की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट में न्याय की नई ताकत, छह जजों ने ली शपथ !

शपथ लेने वाले नए न्यायाधीशों में जिन नामों की चर्चा रही, उनमें वरिष्ठ अधिवक्ता और न्यायिक सेवा से जुड़े प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। इनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुशंसा के आधार पर की गई है। समारोह में उच्च न्यायपालिका के वरिष्ठ जज, अधिवक्ता, कानून मंत्रालय के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट लगातार न्याय की पारदर्शिता और तीव्रता के लिए प्रतिबद्ध रहा है और नए न्यायाधीशों का जुड़ना इस दिशा में एक सकारात्मक बदलाव है। उन्होंने कहा कि अदालतों पर बढ़ते बोझ को देखते हुए यह नियुक्तियां अत्यंत आवश्यक थीं। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि नए न्यायाधीश अपने अनुभव, संवेदनशीलता और न्यायिक विवेक से अदालत की गरिमा को और ऊंचाई प्रदान करेंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या 70,000 से अधिक है, ऐसे में अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति से मामलों की सुनवाई में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम नागरिकों को भी समय पर न्याय मिल सकेगा।

दिल्ली हाई कोर्ट में न्याय की नई ताकत, छह जजों ने ली शपथ !
दिल्ली हाई कोर्ट में न्याय की नई ताकत, छह जजों ने ली शपथ !

कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि न्यायपालिका को और सशक्त बनाने के लिए ऐसी नियुक्तियां समय-समय पर होती रहनी चाहिए। दिल्ली जैसे महानगर में, जहां रोज़ हजारों कानूनी मामले सामने आते हैं, वहां न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए पर्याप्त संख्या में न्यायाधीशों की तैनाती बेहद ज़रूरी है।

इन नए जजों के पास विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव है, जिनमें दीवानी, फौजदारी, वाणिज्यिक कानून, संवैधानिक कानून और सार्वजनिक हित याचिकाएं शामिल हैं। इससे न्यायपालिका को विविध दृष्टिकोण और दक्षता मिलेगी।

केंद्रीय कानून मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम व्यवस्था मिलकर न्यायिक नियुक्तियों में तेजी लाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली हाई कोर्ट में रिक्त पदों को भरना उसी दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।

इस अवसर पर दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी नए जजों का स्वागत किया और आशा जताई कि उनका कार्यकाल न्यायिक व्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, “हमें उम्मीद है कि नए न्यायाधीश अपनी निष्पक्षता, अनुशासन और न्याय के मूल सिद्धांतों के साथ न्यायिक कार्य करेंगे और लोगों के न्याय पर विश्वास को और मजबूत बनाएंगे।”

शपथ ग्रहण समारोह के साथ दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह न्याय प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए लगातार सुधार और विस्तार की दिशा में अग्रसर है। आने वाले दिनों में उम्मीद की जा रही है कि देश की अन्य उच्च न्यायालयों में भी इस तरह की नियुक्तियां न्यायिक व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने में सहायक होंगी।

अब जब दिल्ली हाई कोर्ट में 40 न्यायाधीश कार्यरत हैं, तो यह न केवल न्याय की गति को बढ़ाएगा, बल्कि न्यायिक भरोसे और संवैधानिक व्यवस्था को भी नई दिशा देगा। यह नियुक्ति निस्संदेह भारत के न्यायिक इतिहास में एक सकारात्मक अध्याय जोड़ेगी।

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