शारदा यूनिवर्सिटी के डीन समेत 4 प्रोफेसर सस्पेंड !

शारदा यूनिवर्सिटी में बीते दिनों एक छात्रा ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सात लोगों के खिलाफ छात्रा को प्रताड़ित करने का आरोप लगा। इसके बाद अब डीन समेत 4 प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया गया है।

18 जुलाई 2025 की रात, शारदा यूनिवर्सिटी के मेण्डेला गर्ल्स हॉस्टल की 12वीं मंज़िल पर बीडीएस दूसरी वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा (21) ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। कमरे में मिला सुसाइड नोट जिसमें उसने दो प्रोफेसर्स—डॉ. शैरी वशिष्ठ और डॉ. महिंदर सिंह चौहान—को मानसिक उत्पीड़न और अपमान का दोषी बताया।

शारदा यूनिवर्सिटी के डीन समेत 4 प्रोफेसर सस्पेंड !
शारदा यूनिवर्सिटी के डीन समेत 4 प्रोफेसर सस्पेंड !

इसी के चलते डीन समेत चार और प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क निदेशक डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि डीन डॉ. एम सिद्धार्थ, प्रोफेसर डॉ. अनुराग अवस्थी, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरभी और प्रोफेसर डॉ. आशीष चौधरी को निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस मामले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में ये सभी आरोपी के तौर पर नामजद हैं।

पुलिस जांच और फोरेंसिक टीम की भूमिका

  • डिजिटल साक्ष्य में छानबीन: पुलिस उसके फोन, लैपटॉप, टैबलेट और दो डायरी स्कैन कर रही है, साथ ही कॉल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधि की जांच भी चल रही है ।
  • फोरेंसिक विश्लेषण: सुसाइड नोट में लिखावट का मिलान किया जा रहा है, ताकि नोट उसकी ही लिखी हुई पाए जाए ।
  • गंभीर आरोप: नोट में स्पष्ट रूप से लिखा था: “मैं उनसे परेशान थी… मैं नहीं जी सकती।”
    इस पाठ्यक्रम में “मांसिक उत्पीड़न और अपमान” का उल्लेख था

क्या बोले अधिकारी

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने बीडीएस विभाग को सील कर दिया है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग को खोलने की अनुमति दी जाएगी। कुमार ने बताया कि आत्महत्या के बाद उपजे विवाद की वजह से विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले सोमवार और मंगलवार की परीक्षा और कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।

क्या बोले अधिकारी
क्या बोले अधिकारी

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 23 जुलाई से कक्षाएं के फिर से शुरू करने और परीक्षाएं आयोजित किए जाने की बात कही है। इस बीच, छात्रा की आत्महत्या के मामले में सोमवार को अधिवक्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र संगठनों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें आरोपी प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • तत्काल सुनवाई कमेटी: यूनिवर्सिटी ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई है, जिसे 2–5 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है
  • परीक्षा स्थगित: BDS की लिखित परीक्षाएँ (22 जुलाई से शुरू होनी थीं) और सभी प्रैक्टिकल सत्र फिलहाल रद्द कर दिए गए हैं ।
  • कथित दो घंटे की देरी: प्रशासन ने घटना की सूचना देरी से दी — छात्रा के परिवार को दो घंटे बाद बताया गया, जिससे पुलिस ने विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया को मुद्दा बनाया ।

सामाजिक और छात्रों का प्रतिक्रिया

  • छात्रों में रोष: कई छात्र हॉस्टल छोड़कर चले गए क्योंकि माहौल तनावपूर्ण हो गया ।
  • छात्र संगठनों की चेतावनी: यूनिवर्सिटी ने पांच दिनों में स्थायी कार्रवाई न की तो वे विश्वविद्यालय गेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे ।
  • मानसिक स्वास्थ्य पर चिंताएँ: टॉइ (TOI) में भी छात्रा की मानसिक स्थिति और एलर्जी—जिसके लिए उसे चिढ़ाया गया—जैसी बातों का उल्लेख हुआ, जिसने हालत को और बिगाड़ा।

निष्कर्ष

शारदा यूनिवर्सिटी में एक छात्रा की आत्महत्या ने शिक्षा संस्थानों में शिक्षक-छात्र संबंध, मानसिक उत्पीड़न, और प्रशासनिक जवाबदेही जैसे संवेदनशील मुद्दों को उजागर किया है। जब तक पुलिस, विश्वविद्यालय और न्याय समिति मिलकर निष्पक्ष जांच पूरी नहीं करती, छात्रों और समाज का विश्वास बहाल नहीं हो सकता। मानसिक स्वास्थ्य समर्थन, शिक्षा संस्थानों में सुरक्षित माहौल, और त्वरित प्रतिक्रिया इस घटना से सबक होना चाहिए—ताकि ऐसी त्रासदियाँ पुनः न हों।

Also Read :

शारदा यूनिवर्सिटी सुसाइड केस: पुलिस ने दर्ज की FIR, जांच तेज़ !