सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना पड़ा महंगा, युवक गिरफ्तार !

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बलिया के रहने वाले एक युवक ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में एक्शन लेते हुए पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने एक युवक को मुसीबत में डाल दिया। सोशल मीडिया पर किए गए इस अभद्र पोस्ट के बाद पुलिस ने युवक को तत्परता दिखाते हुए गिरफ्तार कर लिया है। घटना को लेकर राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।

सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना पड़ा महंगा, युवक गिरफ्तार !
सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना पड़ा महंगा, युवक गिरफ्तार !

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक ने फेसबुक/ट्विटर (या अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषा का प्रयोग करते हुए एक पोस्ट साझा की थी। पोस्ट वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत साइबर सेल और संबंधित थाना पुलिस को दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और युवक को तकनीकी निगरानी के माध्यम से ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पोस्ट न सिर्फ मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाली थी, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द और शांति भंग होने का भी खतरा था।

पुलिस की कार्रवाई

जैसे ही मामला पुलिस के संज्ञान में आया, साइबर सेल ने तुरंत जांच शुरू की। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि उक्त पोस्ट युवक के व्यक्तिगत मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट से की गई थी। इसके बाद पुलिस टीम ने आरोपी के घर पर छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया।

एसपी (जिला नाम) ने प्रेस वार्ता में कहा, “मुख्यमंत्री पर की गई अभद्र टिप्पणी निंदनीय है। सोशल मीडिया की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक रूप से संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपमानित करे। आरोपी के खिलाफ IT एक्ट की धारा 67 और भारतीय दंड संहिता की धारा 505(2), 153A और 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।”

आरोपी की पहचान और मंशा

गिरफ्तार युवक की पहचान (नाम – उम्र – जिला) के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने यह पोस्ट ‘भावनाओं में बहकर’ साझा की थी और उसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। हालांकि पुलिस का मानना है कि पोस्ट की भाषा और समय से प्रतीत होता है कि यह एक पूर्व-नियोजित प्रयास हो सकता है। पुलिस आरोपी के सोशल मीडिया नेटवर्क और गतिविधियों की विस्तृत जांच कर रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। भाजपा नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी न केवल राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है, बल्कि यह कानून के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना बेहद निंदनीय है। कानून अपना काम करेगा।”

वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने भी यह मांग की कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाया न जाए, लेकिन इस स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी होनी चाहिए।

सोशल मीडिया की भूमिका और चेतावनी

यह घटना सोशल मीडिया की ताकत और जिम्मेदारी दोनों को रेखांकित करती है। पुलिस विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट साझा करते समय सावधानी बरतें और कानून का उल्लंघन करने से बचें।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हर व्यक्ति को बोलने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि संवैधानिक संस्थाओं या पदों पर बैठे लोगों का अपमान किया जाए। यदि ऐसा किया गया तो कानून सख्ती से निपटेगा।”

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी एक बार फिर यह दर्शाती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी कानून का पालन अनिवार्य है। सोशल मीडिया पर की गई एक गलती न केवल कानूनी परेशानी में डाल सकती है, बल्कि समाज में अशांति फैलाने का माध्यम भी बन सकती है। पुलिस की सक्रियता ने जहां कानून व्यवस्था को बनाए रखने का संदेश दिया है, वहीं यह भी साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में अपमानजनक और भड़काऊ पोस्ट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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