साइबर टावर का छज्जा गिरने से एक युवक उसके मलबे के नीचे आ गया। गंभीर रूप से घायल होने के चलते उसकी मौत हो गई। मृतक साइबर टावर में फाइनेंस बैंक में किसी काम से आया था।
लखनऊ के अत्याधुनिक और व्यस्त इलाकों में से एक विभूति खंड स्थित साइबर टावर में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। इमारत का एक बड़ा छज्जा अचानक भरभराकर गिर गया, जिसकी चपेट में एक युवक आ गया। हादसे में युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि छज्जे का भारी मलबा नीचे खड़ी एक कार पर गिरा, जिससे गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और आसपास के लोग तुरंत सहायता के लिए दौड़े। सूचना मिलते ही पुलिस और राहत टीम मौके पर पहुंची और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया।

कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर करीब 12 बजे साइबर टावर के बाहर खासी भीड़ थी। उसी दौरान इमारत की ऊपरी मंजिल से एक बड़ा छज्जा अचानक टूटकर नीचे गिर पड़ा। नीचे खड़ा युवक, जिसकी पहचान अमन वर्मा (28 वर्ष) के रूप में हुई है, उस समय अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था। अचानक गिरे मलबे की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
लोगों ने आनन-फानन में अमन को पास के सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं जिस कार पर मलबा गिरा, वह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, हालांकि उसमें कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा और टल गया।

मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तत्काल आसपास का क्षेत्र खाली कराया और बैरिकेडिंग कर दी। प्रशासन ने तत्काल मलबा हटाने के लिए जेसीबी और बचाव दल को तैनात किया।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रारंभिक जांच में निर्माण में लापरवाही की आशंका जताई जा रही है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और बिल्डिंग की संरचनात्मक सुरक्षा की जांच विशेषज्ञ टीम से कराई जाएगी।”
मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
अमन वर्मा एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और साइबर टावर में अक्सर दोस्तों से मिलने आता था। हादसे की सूचना मिलते ही उसके परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां बेटे की मौत की खबर सुनकर मां-बाप बेसुध हो गए। परिजनों ने बिल्डिंग प्रबंधन और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और उचित मुआवजे की मांग की है।
लापरवाही और जांच के सवाल
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या शहर की ऊंची और व्यावसायिक इमारतों में नियमित संरचनात्मक जांच होती है या नहीं। बताया जा रहा है कि साइबर टावर में पिछले कुछ समय से मेंटेनेंस का कार्य टाल दिया जा रहा था और कई जगह प्लास्टर झड़ने जैसी शिकायतें पहले भी मिल चुकी थीं, लेकिन इन पर ध्यान नहीं दिया गया।
नगर निगम और एलडीए ने संयुक्त रूप से जांच टीम गठित की है जो यह देखेगी कि क्या भवन में कोई निर्माण दोष था और क्या समय-समय पर मेंटेनेंस के नियमों का पालन किया गया।
क्या बोले अधिकारी?
लखनऊ पुलिस के डीसीपी (ईस्ट) ने मीडिया को बताया:
“हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और बिल्डिंग के मालिक तथा मेंटेनेंस एजेंसी से पूछताछ की जा रही है। अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा उन सभी बिल्डिंग प्रबंधन संस्थाओं के लिए एक चेतावनी है जो सालों तक बिना मरम्मत और जांच के ऊंची इमारतों का संचालन करती हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि समय-समय पर संरचनात्मक ऑडिट हो, और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
निष्कर्ष
लखनऊ के साइबर टावर में हुआ यह हादसा न केवल एक मासूम जान की मौत का कारण बना, बल्कि यह सिस्टम में मौजूद खामियों को भी उजागर करता है। प्रशासन को अब इस पर सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और जनता का जीवन सुरक्षित रह सके। वहीं मृतक अमन वर्मा के परिजनों को न्याय और मुआवजा मिलना ज़रूरी है, ताकि इस दर्दनाक हादसे का कुछ तो जवाबदेही तय हो सके।