पीएम मोदी आज ‘मन की बात’ के 124वें एपिसोड के जरिए लोगों से रूबरू हुए। यह कार्यक्रम पूरे आकाशवाणी और दूरदर्शन नेटवर्क, आकाशवाणी समाचार वेबसाइट और न्यूज़ऑनएयर मोबाइल ऐप पर प्रसारित किया गया। इस दौरान उन्होंने खेल लेकर विज्ञान तक का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 113वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। इस बार के संबोधन में उन्होंने विज्ञान, टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स, टेक्सटाइल और समाज के विविध क्षेत्रों में हो रहे नवाचार और उपलब्धियों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने जहां भारत के युवाओं की वैज्ञानिक सोच की सराहना की, वहीं देश के पारंपरिक बुनकरी और हस्तशिल्प उद्योग की वैश्विक पहचान पर भी गर्व व्यक्त किया।

विज्ञान और नवाचार को मिला प्रमुख स्थान
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत विज्ञान और अनुसंधान से की। उन्होंने कहा कि आज भारत का युवा वैज्ञानिक सोच और नवाचार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने इसरो के हालिया मिशनों, जैसे गगनयान और चंद्रयान-3 की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत के स्टार्टअप युवा एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), स्पेस टेक्नोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, “आज भारत विज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी हो रहा है। छोटे गांवों से निकलकर युवा वैज्ञानिक बन रहे हैं और देश के लिए गर्व का कारण बन रहे हैं।”
खेलों में भारत का बढ़ता दबदबा
मन की बात में पीएम मोदी ने खेलों की दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव की भी सराहना की। उन्होंने पेरिस ओलंपिक की तैयारियों का जिक्र करते हुए खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने हाल ही में हुए एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की शानदार परफॉर्मेंस पर प्रसन्नता जताई। साथ ही, उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे ‘चीयर फॉर इंडिया’ अभियान में भाग लें और भारतीय खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करें।
पीएम मोदी ने ग्रामीण खेलों और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की भी बात की। उन्होंने कहा, “भारत का हर गांव खेलों की प्रतिभा से भरा हुआ है, बस उन्हें सही अवसर और प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।”
टेक्सटाइल और खादी की वैश्विक पहचान

प्रधानमंत्री ने भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, खासकर खादी और हैंडलूम के क्षेत्र में हो रही प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय खादी को अब यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों में सम्मान मिल रहा है। पीएम मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि वे ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान के तहत अधिक से अधिक खादी और स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें।
उन्होंने बनारसी साड़ियों, कांचीपुरम सिल्क और भुज के बंधेज जैसे क्षेत्रीय टेक्सटाइल उत्पादों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये केवल वस्त्र नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत हैं।
सामाजिक सरोकारों और प्रेरणादायी कहानियों का ज़िक्र
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देशभर से आई प्रेरणादायक कहानियों को भी साझा किया। उन्होंने बिहार के एक शिक्षक की कहानी सुनाई, जिन्होंने सीमित संसाधनों में बच्चों के लिए मोबाइल साइंस लैब तैयार की। इसके अलावा, उन्होंने उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण में निभाई जा रही भूमिका की सराहना की।
आह्वान और समापन
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का हर नागरिक परिवर्तन का वाहक है और हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार और हमारी सोच — यही भारत की असली ताकत है। विज्ञान हो, खेल हो या टेक्सटाइल — हर क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।”
पीएम मोदी ने जनता से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में भाग लें और देशप्रेम का संदेश फैलाएं।
Also Read :
राजस्थान स्कूल हादसे पर राहुल गांधी सख्त – बोले, दोषियों को मिले सख्त सजा !