कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में पहलगाम अटैक और सीजफायर को लेकर सरकार से कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि ये सरकार हमेशा सवालों से बचती है।
लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर पहलगाम हमले (22 अप्रैल को 26 पर्यटकों की मौत) और उसके बाद शुरू की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर वरिष्ठ नेताओं या गृह मंत्री को जिम्मेदार ठहराना चाहिए, तो एक भी इस्तीफा क्यों नहीं हुआ? उनका यह भी कहना था कि वर्तमान सरकार की विदेश नीति और जवाबदेही प्रणाली कमजोर पड़ चुकी है—खासकर जब एक विदेशी नेता की घोषणा से भारत का सीजफायर हो गया, तो यह स्थिति शर्मनाक है…

सरकार की रणनीति और विपक्ष का हंगामा

विपक्ष ने मांग की कि लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्पष्ट विवरण हो, लेकिन सरकार ने बहस टाल दी। विपक्ष के चलते संसद की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित हुई और सदन के बाहर भी प्रदर्शन हुआ
प्रियंका ने आलोचना की कि सरकार विवादों से ध्यान भटकाने के लिए राहुल और सोनिया गांधी के भावनात्मक लहजे (जैसे सोनिया जी की आंसू भरी यादें) का इस्तेमाल कर रही है, बजाय कि सुरक्षा और जवाबदेही के मुद्दों पर प्रस्तुत किया जाए
जवाबदेही की कमी पर कटाक्ष
प्रियंका गांधी ने पूछा—जब घोर हादसे हो जाते हैं, जिम्मेदारों को माफी माँगने या पद छोड़ने की बजाय कोई इस्तीफा क्यों नहीं देता? उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष लगातार सरकार से इसी जिम्मेदारी की मांग कर रहा है, लेकिन स्वीकारोक्ति और दोषी मान्यता का कोई निशान नहीं है।
उनके मुताबिक, जब गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए था, तब ऐसा नहीं हुआ, आज अन्य नेताओं से जवाबदेही की अपेक्षा रखना हास्यास्पद है।
🇺🇳 अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और सीजफायर पर सवाल
प्रियंका ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा को भी मुद्दा बनाया। यह पहली बार था जब भारत का इतना संवेदनशील निर्णय किसी विदेशी नेता ने सार्वजनिक किया—जिससे सरकार की विदेश नीति और संप्रभुता पर प्रश्न उठे: क्या हमें अपनी रक्षा नीतियों को किसी अन्य देश पर छोड़ देना चाहिए?
उन्होंने पूछा—क्या आतंकियों को गिरफ्तार करना शुरू हो गया है? क्या अमेरिका का दबाव भारत की सुरक्षा से महत्वपूर्ण हो गया? ऐसे सवालों ने संसद में भारी उथल-पुथल मचा दी।
एसआईआर प्रदर्शन से ध्यान हटने की कोशिश?
इसी सत्र में विपक्ष ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण रिपोर्ट (SIR) पर भी हंगामा किया। प्रियंका समेत कांग्रेस नेताओं ने इसे सरकार की बहुचर्चित चूक और जवाबदेही की कमी से जोड़कर देखा, ताकि पहलगाम की घोर घटना को फिर से केंद्र में लाया जा सके।
विपक्ष ने संसद की गरिमा बनाए रखने की मांग की लेकिन फिर भी सभी मुद्दों को उठाकर यह स्पष्ट करना चाहा कि सरकार सुरक्षात्मक जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है।
निष्कर्ष: सरकार की जवाबदेही पर चुनावी सवाल
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में साफ कहा कि:
- एक भी इस्तीफा क्यों नहीं हुआ?
- आपरेशन्स की कोई पारदर्शिता नहीं दी गई।
- आतंकवाद पर वास्तविक जवाबदेही नहीं दी गई।
उनकी यह बयानबाज़ी सरकार की क्षमता, उसकी विदेश नीति परिदृश्य, खुफिया विफलताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा में पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है।
लोकसभा में विपक्ष की ओर से उठाए गए ये मुद्दे यह संकेत देते हैं कि सिर्फ व्याकरणिक बहस ही नहीं, बल्कि सरकार का सार्वजनिक विश्वास और नैतिक स्थिरता का भविष्य भी इन सवालों से प्रभावित होगा।