नई दिल्ली में बीएसएल ग्लोबल आउटरीच समिट-2025 का आयोजन हुआ जिसमें सीएम डॉ. मोहन ने उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश-प्रदेश बदल रहा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक अहम ऐलान करते हुए कहा कि राज्य को देश का प्रमुख टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को हर जरूरी सहयोग देगी और टेक्सटाइल सेक्टर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। यह घोषणा उन्होंने भोपाल में आयोजित “मध्यप्रदेश टेक्सटाइल समिट 2025” के उद्घाटन सत्र के दौरान की, जिसमें देश-विदेश से आए निवेशकों और उद्योगपतियों ने भाग लिया।

टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति, बेहतर लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी, कुशल श्रमिक और अनुकूल पर्यावरण टेक्सटाइल उद्योग के लिए आदर्श है। उन्होंने बताया कि इंदौर, उज्जैन, खरगोन, नीमच और भोपाल जैसे शहरों को टेक्सटाइल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि टेक्सटाइल केवल एक उद्योग नहीं, बल्कि रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन सकता है।
सरकार देगी हर संभव सहायता

सीएम मोहन यादव ने यह भी घोषणा की कि सरकार उद्योगपतियों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस, बिजली सब्सिडी, जमीन आवंटन और टैक्स में रियायत जैसे लाभ देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “अगर कोई उद्योगपति मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल यूनिट लगाना चाहता है, तो सरकार का हर विभाग उसकी मदद में तत्पर रहेगा।”
उन्होंने कहा कि एक समर्पित ‘टेक्सटाइल विकास प्रकोष्ठ’ (Textile Development Cell) गठित किया जा रहा है, जो निवेशकों को सभी आवश्यक अनुमतियों की सुविधा एक ही जगह पर उपलब्ध कराएगा।
स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सीएम यादव ने जोर देते हुए कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में विस्तार से राज्य के युवाओं और महिलाओं को रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे। सरकार की योजना है कि स्थानीय स्तर पर ट्रेनिंग सेंटर और स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किए जाएं, ताकि उद्योगों को प्रशिक्षित मानव संसाधन आसानी से मिल सके।
“हर जिले में रोजगार आधारित उद्योग स्थापित करना हमारा लक्ष्य है,” उन्होंने कहा।
विदेशी निवेशकों ने दिखाई रुचि
समिट में कई विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। जापान, वियतनाम, बांग्लादेश और जर्मनी के टेक्सटाइल समूहों ने मध्यप्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है। राज्य सरकार के मुताबिक, करीब 15,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे आने वाले वर्षों में लाखों रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
कॉटन से लेकर रेडीमेड गारमेंट्स तक—संपूर्ण श्रृंखला विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सिर्फ स्पिनिंग या वीविंग नहीं, बल्कि पूरा टेक्सटाइल इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा—जिसमें कॉटन उत्पादन से लेकर रेडीमेड गारमेंट्स और एक्सपोर्ट हब तक सब कुछ शामिल होगा। इसका उद्देश्य है कि कच्चे माल का अधिकतम मूल्यवर्धन राज्य में ही हो और किसानों को भी इसका लाभ मिले।
बुनियादी ढांचे को मिलेगा बल
राज्य सरकार टेक्सटाइल पार्कों, औद्योगिक गलियारों (Industrial Corridors) और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) को विकसित करने की दिशा में भी काम कर रही है। खरगोन और उज्जैन में अत्याधुनिक टेक्सटाइल पार्कों की घोषणा पहले ही हो चुकी है, जिन पर निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने वाला है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री मोहन यादव की यह पहल न केवल मध्यप्रदेश की औद्योगिक छवि को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था में संतुलन भी लाएगी। टेक्सटाइल सेक्टर के जरिए राज्य में रोजगार, निवेश और निर्यात की नई संभावनाएं जन्म लेंगी। सरकार का स्पष्ट रुख और प्रतिबद्धता यह संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश देश के सबसे बड़े टेक्सटाइल हब के रूप में उभर सकता है।
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