मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की ‘टीम-11’ बनाई है, जिसे 12 बाढ़ प्रभावित जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने राहत शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ी और संगठित पहल की है। प्रदेश में भारी बारिश और नदियों के उफान के चलते कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। ऐसे में राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी ने 11 वरिष्ठ मंत्रियों की एक विशेष समिति बनाई है, जिसे ‘टीम-11’ का नाम दिया गया है।

क्या है ‘टीम-11’?
‘टीम-11’ दरअसल एक हाई-लेवल टास्क फोर्स है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुख मंत्रियों को शामिल किया गया है। इस टीम को बाढ़ प्रभावित जिलों की निगरानी, राहत कार्यों का संचालन, संसाधनों का समुचित वितरण और ज़रूरतमंदों तक मदद पहुँचाने जैसे कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह टीम सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेगी और समय-समय पर स्थिति की समीक्षा भी करेगी।
टीम में कौन-कौन मंत्री हैं शामिल?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बनी ‘टीम-11’ में शामिल मंत्रियों की सूची इस प्रकार है:
- बृजेश पाठक – उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री
- केशव प्रसाद मौर्य – उपमुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास विभाग
- सूर्य प्रताप शाही – कृषि मंत्री
- स्वतंत्र देव सिंह – जल शक्ति मंत्री
- धर्मवीर प्रजापति – राहत आयुक्त व राजस्व विभाग से जुड़े मंत्री
- नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ – औद्योगिक विकास मंत्री
- अनिल राजभर – समाज कल्याण मंत्री
- जय प्रताप सिंह – आपदा प्रबंधन और खाद्य आपूर्ति मंत्री
- गिरीश चंद्र यादव – पशुपालन मंत्री
- अरविंद शर्मा – शहरी विकास मंत्री
- आशुतोष टंडन – नगर निकाय मंत्री
टीम-11 का कार्यक्षेत्र
टीम-11 को राज्य के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, ताकि हर मंत्री एक या दो जिलों की ज़िम्मेदारी संभाल सकें। यह मंत्री न केवल राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करेंगे, बल्कि स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग और पंचायतों के साथ मिलकर समन्वय भी बनाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि हर मंत्री अपने अधीन क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण करें और स्थानीय जनता से संवाद स्थापित कर ज़मीनी हालात की जानकारी लें। इसके अलावा, मेडिकल टीमों की तैनाती, साफ पानी की उपलब्धता, पशुओं के चारे और सुरक्षित आवास की व्यवस्था को प्राथमिकता देने को कहा गया है।
योगी सरकार की प्राथमिकताएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान किसी भी नागरिक की जान ना जाए, यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री, राशन किट, दवाएं और रहने की अस्थायी व्यवस्था समय पर मिलनी चाहिए। सीएम योगी ने टीम-11 को आदेश दिया है कि जरूरत पड़े तो हेलीकॉप्टर, नाव और अन्य आधुनिक संसाधनों की मदद ली जाए।
मुख्यमंत्री स्वयं भी बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर चुके हैं और अधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर मुआवजा वितरण भी तेज़ी से किया जाए।
जनता को मिला भरोसा
सीएम योगी की इस पहल से जनता में विश्वास का माहौल बना है। ‘टीम-11’ के गठन से एक स्पष्ट संदेश गया है कि राज्य सरकार बाढ़ जैसी आपदा को गंभीरता से ले रही है और हर संभव प्रयास कर रही है कि किसी नागरिक को संकट का सामना न करना पड़े। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक राहत कार्य तेज़ कर दिए गए हैं।
निष्कर्ष
बाढ़ जैसी आपदा के समय सरकार की तत्परता ही यह तय करती है कि नुकसान कितना नियंत्रित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित ‘टीम-11’ एक सकारात्मक और सशक्त कदम है, जिससे प्रदेश में राहत कार्यों को नई गति और दिशा मिलेगी। यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है।
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