सीतापुर में एनकाउंटर की खबर है। पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकंड के दोनों शूटर को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। बताया जाता है कि देर रात यह एनकाउंटर पिसावा इलाके में हुआ था।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक बड़े एनकाउंटर में पुलिस ने पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड के दोनों मुख्य शूटरों को ढेर कर दिया है। इस मुठभेड़ के बाद न केवल प्रदेशभर में हलचल मच गई है, बल्कि पत्रकार जगत में भी इसे इंसाफ की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

क्या था मामला?
सीतापुर के वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या पिछले महीने हुई थी, जब वह रात के समय अपने घर लौट रहे थे। बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी मौके पर ही हत्या कर दी थी। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था और मीडिया संस्थानों से लेकर आम जनता तक ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की थी।
पुलिस को मिली बड़ी सफलता

लगातार चल रही जांच और सर्विलांस के आधार पर पुलिस को इन दोनों हमलावरों की लोकेशन सीतापुर के खैराबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में मिली। सूचना पाते ही पुलिस की स्पेशल टीम ने घेराबंदी कर दी। खुद को फंसा देख दोनों शूटरों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों आरोपी गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
मारे गए आरोपियों की पहचान
एनकाउंटर में मारे गए दोनों शूटरों की पहचान शाहनवाज उर्फ शानी और अकबर उर्फ बबलू के रूप में हुई है। दोनों का आपराधिक इतिहास पहले से ही पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज था। जांच में यह भी सामने आया है कि इन दोनों को सुपारी के तहत पत्रकार की हत्या करने का टास्क दिया गया था।
एनकाउंटर की पुष्टि
एसपी सीतापुर चंद्रभूषण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनकाउंटर की पुष्टि करते हुए कहा:
“हमने पहले ही कहा था कि इस हत्याकांड में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारी टीम ने तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की। दोनों अपराधी कई अन्य मामलों में भी वांछित थे।”
परिवार ने जताई राहत
पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी के परिवार ने एनकाउंटर पर संतोष जताया है। उनके भाई ने कहा:
“हमने इंसाफ की मांग की थी और अब लगता है कि अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया है। सरकार और पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है।”
मीडिया संगठनों की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश पत्रकार संघ और अन्य मीडिया संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की, साथ ही यह भी मांग की कि इस मामले में जिन लोगों ने इन हत्यारों को संरक्षण दिया या हत्या की साजिश रची, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो।
राजनीतिक हलचल भी तेज
इस एनकाउंटर के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा:
“प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। हमारी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा और न्याय के लिए प्रतिबद्ध है।”
वहीं, विपक्ष ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है और पूछा है कि हत्या की साजिश के पीछे असली मास्टरमाइंड कौन था?
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन दोनों शूटरों को सुपारी किसने दी थी और पत्रकार की हत्या के पीछे असल मकसद क्या था। इसके लिए कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही कुछ और बड़े खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है।
निष्कर्ष:
सीतापुर एनकाउंटर के जरिए पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड के दो मुख्य अभियुक्तों को मार गिराया गया, जिससे इंसाफ की राह में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब प्रदेश की निगाहें इस पर टिकी हैं कि इस हत्याकांड की पूरी साजिश के पीछे कौन था और क्या सभी दोषियों को सजा मिलेगी।