ट्रंप के टैरिफ पर बड़ा एक्शन? अमेरिका को जवाब देने की तैयारी में पीएम मोदी !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कैबिनेट बैठक में अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर चर्चा करेंगे। साथ ही इस दौरान वह कई बड़े फैसले भी ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक होने जा रही है, जिसका केंद्रबिंदु अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर भारत की रणनीति तय करना है। डोनाल्ड ट्रंप की हालिया चुनावी रैलियों और बयानों में ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत फिर से टैरिफ बढ़ाने के संकेत दिए गए हैं, जिससे भारतीय व्यापारिक हितों को खतरा हो सकता है।

ट्रंप के टैरिफ पर बड़ा एक्शन? अमेरिका को जवाब देने की तैयारी में पीएम मोदी !
ट्रंप के टैरिफ पर बड़ा एक्शन? अमेरिका को जवाब देने की तैयारी में पीएम मोदी !

क्या है मामला?

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक चुनावी रैली में दोबारा सत्ता में आने पर विदेशी वस्तुओं पर 50% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की। उन्होंने विशेष तौर पर चीन, भारत और मेक्सिको का नाम लिया, जिन्हें वह अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग इकॉनमी के लिए खतरा मानते हैं। ट्रंप का कहना है कि सस्ते विदेशी सामानों की वजह से अमेरिकी फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं और नौकरियां जा रही हैं।

भारत की चिंता

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं, लेकिन ट्रंप के इस रुख से भारत को दोहरी चिंता सता रही है। एक तरफ अमेरिकी बाजारों में भारतीय उत्पादों – खासकर टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, केमिकल्स और फार्मास्युटिकल्स – को नुकसान पहुंच सकता है, वहीं दूसरी ओर यह रणनीति वैश्विक व्यापार संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है।

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रही है। विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ समन्वय में हैं और आज होने वाली कैबिनेट बैठक में एक व्यापक रिपोर्ट पेश की जाएगी।

क्या हो सकता है भारत का जवाब?

क्या हो सकता है भारत का जवाब?
क्या हो सकता है भारत का जवाब?

भारत सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है, जिनमें शामिल हैं:

  1. राजनयिक वार्ता: भारत अमेरिका के साथ उच्च स्तरीय वार्ता कर सकता है, जिसमें व्यापार प्रतिनिधियों के बीच खुली बातचीत की जाएगी।
  2. प्रति-टैरिफ की नीति: अगर अमेरिका भारत पर टैरिफ बढ़ाता है, तो भारत भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने का विकल्प खुला रख सकता है। विशेष तौर पर एग्रीकल्चर और टेक उत्पादों को लेकर भारत कड़ा रुख अपना सकता है।
  3. WTO में शिकायत दर्ज करना: भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस फैसले को चुनौती दे सकता है, जैसा कि पहले भी कुछ मामलों में किया गया है।
  4. नए बाजारों की खोज: भारत अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते को तेज़ी से आगे बढ़ा सकता है, जिससे अमेरिका पर निर्भरता कम हो।

राजनीतिक और आर्थिक असर

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप की नीतियां दोबारा लागू होती हैं, तो इससे वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। भारत के लिए अमेरिका एक बड़ा निर्यात बाजार है और वहां किसी भी प्रकार की बाधा से MSME से लेकर बड़ी कंपनियों तक पर असर पड़ेगा। साथ ही, यह मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ जैसे अभियानों को भी प्रभावित कर सकता है।

निष्कर्ष

आज की कैबिनेट बैठक न केवल भारत के लिए एक आर्थिक रणनीति तय करने का अवसर है, बल्कि यह एक वैश्विक संदेश भी हो सकता है कि भारत अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता है। ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति के जवाब में भारत किस प्रकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करता है, यह आने वाले हफ्तों में वैश्विक आर्थिक समीकरण को प्रभावित करेगा।

सरकार की ओर से बैठक के बाद किसी आधिकारिक बयान की संभावना जताई जा रही है। व्यापार जगत और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक इस पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

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