CM योगी का ‘PDA’ पर नया वार !

मुख्यमंत्री योगी ने सपा के ‘PDA’ के नारे का नया फुल फॉर्म बताया। उन्होंने कहा कि सपा के लिए PDA का मतलब ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखे व्यंग्य के साथ कटाक्ष किए। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा इस्तेमाल किए गए “PDA” (पिछड़ा–दलित–अल्पसंख्यक) कट्टर समर्थन संतुलन का मज़ाक उड़ाते हुए इसे “परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी” (Family Development Authority) कहकर आड़े हाथों लिया। साथ ही सपा नेताओं को “कुछ लोग कुएं के मेंढक की तरह हैं” कहते हुए व्यंग्यपूर्ण हमला किया कि उन्हें दुनिया का कुछ दिखाई नहीं देता, वे केवल अपना परिवार देखते हैं।

CM योगी का 'PDA' पर नया वार !
CM योगी का ‘PDA’ पर नया वार !

सदन में उन्होंने शेर के माध्यम से भी विपक्ष पर निशाना साधा:

“बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू,
लगा के आग बहारों की बात करते हैं.
जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं,
वही नसीब के मारों की बात करते हैं।”

योगी ने पिछले सपा शासनकाल में व्यापक भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अराजकता और विकास की कमी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार (2017 के बाद) ने अपराध और अपराधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता, infrastruktural विकास, और निवेशमूलक माहौल स्थापित किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूपी का GSDP ₹13 लाख करोड़ से बढ़कर ₹35 लाख करोड़ हो गया, प्रति व्यक्ति आय तीन गुना हुई और राज्य अब राष्ट्रीय जीडीपी में सक्रिय योगदानकर्ता बन चुका है।

“समाजवादियों को गौ माता का श्राप लगा”

"समाजवादियों को गौ माता का श्राप लगा"
“समाजवादियों को गौ माता का श्राप लगा”

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उनकी सरकार ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ के जरिए छोटे कारीगरों के हुनर को दुनिया तक पहुंचा रही है, जबकि सपा सरकार बड़े-बड़े महोत्सव कराती थी और उसके लिए भी बग्घी विदेश से मंगवाई जाती थी। उन्होंने कहा कि सपा को भारतीय संस्कृति और सनातन से दिक्कत है, इसलिए उनके राज में गायों को कसाईखाने भेजा जाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादियों को गौ माता का श्राप लगा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, वाराणसी, विंध्याचल और चित्रकूट में बन रहे कॉरिडोर सपा नेताओं की आंखों में चुभते हैं, क्योंकि वे तो वृंदावन में दुर्योधन का मंदिर बनवाना चाहते थे।

अखिलेश यादव का तेवरदार पलटवार

इस तंज का जबाबी हमला करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को “प्रवासी मुख्यमंत्री” बताकर काटा। उन्होंने कहा, “अगर उनके मामा मठ में न होते, उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर न मिलता।” यह टिप्पणी परिवारवाद के आरोप पर आपके अपने परिवार संबंधों पर व्यंग्य था।

अखिलेश यादव का तेवरदार पलटवार
अखिलेश यादव का तेवरदार पलटवार

पिछले दिन सपा ने एक और मोड़ लिया था—अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार में PDA (पिछड़ा–दलित–अल्पसंख्यक) समुदायों के लोग ‘दमघुटे’ महसूस कर रहे हैं और संभवतः 2027 के चुनावों से पहले अलग हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने सपा शासनकाल में शुरू हुए कई विकास कार्यों—जैसे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, गोमती रिवरफ्रंट—को नजरअंदाज कर दिया और शिक्षा क्षेत्र में PDA बच्चों पर असर डाला। उन्होंने ‘संस्कृति स्कूलों’ के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का वादा किया।

राजनीतिक अंतर्दृष्टि: जोड़-तोड़ और प्रतिध्वनि

यह जुबानी जंग राजनीतिक रूप से बहुत महत्व रखती है। योगी का “PDA = Parivar Development Authority” कहना सपा पर कथित परिवारवाद और सीमित सोच का आरोप है—जो कि मुख्य चुनावी मुद्दों में से एक है। उनकी “कुएं के मेंढक” वाली व्यंग्यात्मक तुलना यह संदेश देती है कि सपा की दृष्टि बहुत संकुचित है—विकास और व्यापक अवसरों के प्रति अंधा।

दूसरी ओर, अखिलेश यादव का पलटवार, “प्रवासी मुख्यमंत्री” कहना, योगी के “परिवारवाद” पर व्यक्तिगत हमला है और सपा की ओर से मजबूत भावनात्मक प्रतिक्रिया प्रदान करता है। यह वही तारीखें हैं—15 अगस्त 2025 (स्वतंत्रता दिवस के ठीक बाद)—जब सियासी बयानबाजियाँ चरम पर हैं और सार्वजनिक मानस में राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की होड़ चालू है।

निष्कर्ष

  • योगी आदित्यनाथ ने सपा के PDA नारों पर व्यंग्य किया और सपा नेताओं को “परिवार केन्द्रित” तथा “कुएं के मेंढक” की उपमा दी। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को उजागर किया।
  • अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए योगी को “प्रवासी मुख्यमंत्री” कहा और PDA समुदायों के साथ कथित सरकार के व्यवहार पर सवाल उठाया।
  • इस बयानबाजी ने उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल और राजनीतिक रणनीतियों में नई हलचल जोड़ दी है, जहाँ विकास vs परिवारवाद और व्यापक सोच vs सीमित दृष्टिकोण जैसे मुद्दे अब और तूल पकड़ रहे हैं।

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