“प्रदेश में साइबर सुरक्षा को मजबूती: सभी 75 जिलों में खुले साइबर थाने”

प्रदेश में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर रोक लगाने और आम नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सभी 75 जनपदों में अब अलग से साइबर थानों की स्थापना कर दी गई है। यह पहल देश में पहली बार इतनी व्यापक स्तर पर की गई है, जिसका सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो ऑनलाइन धोखाधड़ी, वित्तीय फ्रॉड, सोशल मीडिया पर हैकिंग या ब्लैकमेलिंग जैसी घटनाओं का शिकार होते हैं।

"प्रदेश में साइबर सुरक्षा को मजबूती: सभी 75 जिलों में खुले साइबर थाने"
“प्रदेश में साइबर सुरक्षा को मजबूती: सभी 75 जिलों में खुले साइबर थाने”

बढ़ते साइबर अपराध और चुनौतियां

पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में साइबर अपराधों के मामले तेजी से बढ़े हैं। कभी नकली कॉल सेंटर बनाकर लोगों से ठगी की जाती है, तो कभी क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल्स चुराकर पैसे गायब कर दिए जाते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी साइबर बुलिंग, फेक आईडी बनाकर ब्लैकमेल करना, महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ जैसे अपराध आम हो गए हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि हर साल साइबर अपराध के केसों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में पारंपरिक पुलिस थानों पर निर्भर रहकर इन मामलों को सुलझाना मुश्किल हो रहा था क्योंकि इसके लिए विशेष तकनीकी ज्ञान और आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता होती है।

हर जिले में साइबर थाना

हर जिले में साइबर थाना
हर जिले में साइबर थाना

इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने तय किया कि राज्य के हर जिले में साइबर थाना खोला जाएगा। अब प्रदेश के 75 जिलों में समर्पित साइबर पुलिस स्टेशन बन चुके हैं। इन थानों में अत्याधुनिक तकनीक से लैस कंप्यूटर सिस्टम, डाटा रिकवरी टूल्स, ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर और डिजिटल फॉरेंसिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
इसके अलावा यहां तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे इंटरनेट, डार्क वेब और डिजिटल फ्रॉड जैसी जटिल जांच कर सकें।

पीड़ितों को तुरंत राहत

पहले साइबर अपराध का शिकार होने वाले लोगों को सामान्य थानों के चक्कर लगाने पड़ते थे और कई बार उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जाता था। लेकिन अब हर जिले में बने साइबर थाने में लोग सीधे जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यहां न केवल शिकायत तुरंत दर्ज होगी, बल्कि केस की जांच भी विशेषज्ञ अधिकारी करेंगे।
सरकार का दावा है कि इससे मामलों का निपटारा तेजी से होगा और अपराधियों को पकड़ना आसान होगा।

डिजिटल इंडिया मिशन से जुड़ा कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देश में इंटरनेट और ऑनलाइन सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। बैंकिंग, बिजनेस, शिक्षा और सरकारी सेवाओं का बड़ा हिस्सा ऑनलाइन हो चुका है। ऐसे में साइबर अपराधों से सुरक्षा सुनिश्चित करना समय की मांग है। प्रदेश सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूती देगा।

आम जनता की जागरूकता भी जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर अपराधों पर पूरी तरह रोक तभी लग पाएगी जब आम लोग भी जागरूक होंगे। फर्जी लिंक पर क्लिक न करना, अजनबी नंबरों से आए OTP साझा न करना, पासवर्ड को समय-समय पर बदलना और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचना बेहद जरूरी है। सरकार ने इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाने की योजना बनाई है ताकि लोग खुद भी अपनी सुरक्षा कर सकें।

भविष्य की योजना

सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि आगे चलकर इन साइबर थानों को और अधिक तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाएगा। डिजिटल फॉरेंसिक लैब, साइबर क्राइम डेटा एनालिसिस सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम से इन्हें जोड़ा जाएगा। इसके अलावा अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधियों से निपटने के लिए अन्य एजेंसियों से भी तालमेल बढ़ाया जाएगा।

निष्कर्ष

प्रदेश सरकार का यह निर्णय आम जनता के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। हर जिले में साइबर थाना खुलने से पीड़ितों को न केवल आसान पहुंच मिलेगी बल्कि जांच भी तेज होगी। साथ ही यह कदम इस संदेश को भी मजबूत करता है कि डिजिटल युग में नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है

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