“लोकसभा में SIR मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, स्पीकर ने कड़ा रुख दिखाया”

130वें संविधान संशोधन बिल को लेकर आज संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह हंगामा जारी रहने की संभावना है, साथ ही विपक्ष बिहार में वोटर रिविजन का विरोध करने के लिए भी प्रदर्शन जारी रख सकता है।

संसद का मानसून सत्र एक बार फिर हंगामेदार रहा। गुरुवार को लोकसभा में SIR (Special Investigation Report) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि SIR से जुड़ी रिपोर्ट में कई अहम तथ्यों को दबाया गया है और जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर, सत्ता पक्ष ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित है।

"लोकसभा में SIR मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, स्पीकर ने कड़ा रुख दिखाया"
“लोकसभा में SIR मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, स्पीकर ने कड़ा रुख दिखाया”

सुबह जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसद हाथों में तख्तियां और नारे लिखे पोस्टर लेकर सदन के बीचोंबीच आ गए। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और मांग की कि प्रधानमंत्री स्वयं सदन में आकर इस मुद्दे पर बयान दें। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और कई अन्य विपक्षी दलों ने एक स्वर में कहा कि सरकार SIR से जुड़े तथ्यों को छुपा रही है और इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।

सदन में हंगामे की वजह से प्रश्नकाल बार-बार बाधित होता रहा। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। इस बीच सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं और जानबूझकर चर्चा को बाधित कर रहे हैं।

लगातार शोरगुल और हंगामे से परेशान होकर स्पीकर ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने विपक्षी सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा कि संसद में इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि विपक्ष चर्चा चाहता है तो सरकार तैयार है, लेकिन नारेबाजी और पोस्टरबाजी से लोकतंत्र का अपमान हो रहा है। स्पीकर ने दो टूक कहा, “यह सदन जनता की आवाज़ है, यहां हंगामा नहीं बल्कि बहस होनी चाहिए। अगर विपक्ष के पास ठोस तथ्य हैं तो उन्हें चर्चा के दौरान प्रस्तुत करें, लेकिन अव्यवस्था फैलाना उचित नहीं।”

"लोकसभा में SIR मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, स्पीकर ने कड़ा रुख दिखाया"
“लोकसभा में SIR मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, स्पीकर ने कड़ा रुख दिखाया”

हालांकि स्पीकर की लताड़ के बावजूद विपक्षी सांसद अपनी मांगों पर अड़े रहे। कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी। इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर से SIR मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार जवाबदेही से भाग नहीं सकती और जनता को सच बताना ही होगा।

सत्ता पक्ष ने विपक्ष की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि SIR रिपोर्ट पूरी तरह तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित है और इसमें किसी भी तरह की हेरफेर नहीं की गई। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष बेवजह इस मुद्दे को तूल दे रहा है और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।

इस पूरे प्रकरण के बीच सदन का माहौल बेहद गरम रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इस दौरान कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि स्पीकर को माइक बंद करने और कार्यवाही स्थगित करने जैसे कदम उठाने पड़े।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि SIR का मुद्दा आने वाले दिनों में भी संसद की कार्यवाही में हावी रहेगा। विपक्ष इसे एक बड़ा हथियार बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा, जबकि सरकार इसे पारदर्शिता और जवाबदेही से जोड़कर विपक्ष को जवाब देगी।

विपक्षी दलों का कहना है कि जब तक प्रधानमंत्री सदन में आकर इस मामले पर बयान नहीं देते, तब तक वे शांत बैठने वाले नहीं हैं। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष केवल हंगामा कर रहा है और वास्तविक चर्चा से बच रहा है।

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गहरे मतभेदों को उजागर कर दिया है। जहां विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है, वहीं सरकार विपक्ष पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप मढ़ रही है। फिलहाल इस टकराव का हल कब और कैसे निकलता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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