“यूपी पुलिस में बड़ा फेरबदल: 82 डिप्टी एसपी के तबादले, नई लिस्ट जारी”

यूपी के पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। इनकी लिस्ट भी सामने आई है। इसके मुताबिक यूपी में 82 डिप्टी एसपी के ट्रांसफर किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में एक बार फिर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। शासन ने सोमवार देर रात 82 डिप्टी एसपी (Deputy SP) स्तर के अधिकारियों के तबादले कर दिए। गृह विभाग की ओर से जारी की गई इस लिस्ट में कई जिलों के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। इन तबादलों को कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा प्रशासनिक कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम बताया जा रहा है।

"यूपी पुलिस में बड़ा फेरबदल: 82 डिप्टी एसपी के तबादले, नई लिस्ट जारी"
“यूपी पुलिस में बड़ा फेरबदल: 82 डिप्टी एसपी के तबादले, नई लिस्ट जारी”

इस बड़े बदलाव के तहत जिन अधिकारियों के तबादले हुए हैं, उनमें कई ऐसे नाम शामिल हैं जो लंबे समय से एक ही जिले या जोन में तैनात थे। प्रदेश सरकार ने यह साफ कर दिया है कि कार्य में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए नियमित रोटेशन प्रक्रिया जारी रहेगी। इससे पहले भी पिछले दो महीनों में कई आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा चुका है।

सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों को इधर-से-उधर भेजा गया है, उनमें कुछ को संवेदनशील जिलों में जिम्मेदारी दी गई है, जबकि कुछ को कम दबाव वाले क्षेत्रों में भेजा गया है। प्रमुख जिलों जैसे लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर और गोरखपुर में नए डिप्टी एसपी की नियुक्ति की गई है। इस बदलाव से इन जिलों में कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण व्यवस्था को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

सितंबर में हुए थे IPS अधिकारियों के ट्रांसफर

सितंबर में हुए थे IPS अधिकारियों के ट्रांसफर
सितंबर में हुए थे IPS अधिकारियों के ट्रांसफर

इससे पहले 17 सितंबर को यूपी में 7 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए थे।  इस दौरान IPS अधिकारी देव रंजन वर्मा को पुलिस उपमहानिरीक्षक, प्रशिक्षण निदेशालय, लखनऊ बनाया गया था और डॉक्टर सतीश कुमार को पुलिस अधीक्षक, संबद्ध मुख्यालय पुलिस महानिदेशक यूपी बनाया गया था। अभिजीत कुमार को अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जनपद मेरठ, अतुल कुमार श्रीवास्तव को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर बनाया गया था। 

ममता रानी चौधरी को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ और शैलेंद्र कुमार सिंह को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर बनाया गया था। इसके अलावा त्रिगुण बिसेन को पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद बनाया गया था।

यूपी में 8 सितंबर को भी 28 IPS अधिकारियों के ट्रांसफर हुए थे। राज्य में कानून व्यवस्था को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था।

जिन आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ था, उसमें राजीव सभरवाल, ए सतीश गणेश, के सत्यनारायण, मोदक राजेश डी राव, सुभाष चंद्र दुबे, अनीस अहमद अंसारी, देवरंजन वर्मा, मीनाक्षी कात्यायन, सर्वानंद सिंह यादव, पंकज कुमार पांडे, महेंद्र पाल सिंह, सुभम पटेल, मनोज कुमार अवस्थी, अशोक कुमार, चंद्रकांत मीना, रोहन झा, निहारिका शर्मा, संजीव कुमार वाजपेयी, अनिल कुमार, बृजेश कुमार गौतम, ओम प्रकाश सिंह, ओम प्रकार सिंह द्वितीय, अजीजुल हक, विनय कुमार सिंह, अशोक कुमार, संजय राय, आनंद कुमार, संजय कुमार द्वितीय शामिल थे।

पुलिस महकमे में कम अंतराल पर इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों का ट्रांसफर अब चर्चा का विषय बना हुआ है।

लिस्ट में कौन-कौन शामिल हैं


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तबादला सूची में शामिल अधिकारियों में कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने हाल के महीनों में विशेष अभियानों या मामलों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। कुछ अधिकारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रमोशन के साथ नई जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, कुछ को प्रशासनिक कारणों से बदला गया है।

लखनऊ में तैनात डिप्टी एसपी को कानपुर भेजा गया है, जबकि कानपुर के एक अधिकारी को वाराणसी में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह प्रयागराज, मेरठ और बरेली रेंज के अधिकारियों का भी स्थानांतरण हुआ है। शासन ने इस फेरबदल में वरिष्ठता, अनुभव और स्थानीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है।

गृह विभाग ने दी जानकारी


गृह विभाग ने बताया कि तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। राज्य सरकार की नीति है कि किसी भी अधिकारी को लंबे समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहने दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुलिस व्यवस्था में निष्पक्षता और जवाबदेही बनी रहे।

अधिकारियों के तबादले की इस प्रक्रिया को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त प्रशासनिक नीति का हिस्सा बताया जा रहा है। सरकार का मानना है कि प्रदेश में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए समय-समय पर पुलिस अधिकारियों का रोटेशन जरूरी है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया और सरकार का पक्ष


इस बड़े फेरबदल पर विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा है कि सरकार तबादलों को “राजनीतिक प्रभाव” से जोड़कर कर रही है। उनका कहना है कि कई अधिकारी केवल राजनीतिक दबाव के कारण हटाए गए हैं।

वहीं, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह फैसला पूरी तरह से प्रशासनिक है और प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। सरकार का दावा है कि नए अधिकारियों की नियुक्ति से जिलों में अपराध नियंत्रण की स्थिति में सुधार आएगा और जनता को त्वरित न्याय मिलेगा।

अधिकारियों में हलचल तेज


82 डिप्टी एसपी के तबादलों की खबर के बाद पुलिस महकमे में हलचल तेज हो गई है। कई अधिकारी अपने नए तैनाती स्थलों की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं, विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह फेरबदल आने वाले महीनों में होने वाले बड़े बदलावों की शुरुआत भर है।

सूत्रों के मुताबिक, आगामी विधानसभा उपचुनावों और त्योहारी सीजन के मद्देनज़र सरकार चाहती है कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहे। यही वजह है कि अधिकारियों को रणनीतिक रूप से नई जगहों पर भेजा गया है।

कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश पुलिस में यह बड़ा फेरबदल न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इससे आने वाले समय में कानून-व्यवस्था की दिशा और गति पर भी असर पड़ने वाला है। जनता और विशेषज्ञों की नजर अब इस बात पर टिकी है कि नए डिप्टी एसपी अपने-अपने जिलों में किस तरह से कार्य करते हैं और क्या यह बदलाव वास्तव में अपराध नियंत्रण में मददगार साबित होता है।

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