रेखा गुप्ता का बड़ा कदम: ग्रीन पटाखों को लेकर SC का रुख करेगी दिल्ली सरकार !

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार दिवाली के त्योहार के दौरान ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में लिखित में अपना पक्ष रखेगी।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार दिवाली के मौके पर ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित रखते हुए परंपराओं और त्योहारों को मनाने का संतुलन बनाना जरूरी है, और ग्रीन पटाखे इसका बेहतर विकल्प हो सकते हैं। दिल्ली सरकार दिवाली के त्योहार के दौरान सीमित मात्रा में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में लिखित में अपना पक्ष रखेगी।

रेखा गुप्ता का बड़ा कदम: ग्रीन पटाखों को लेकर SC का रुख करेगी दिल्ली सरकार !
रेखा गुप्ता का बड़ा कदम: ग्रीन पटाखों को लेकर SC का रुख करेगी दिल्ली सरकार !

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हर साल दिवाली के समय प्रदूषण का मुद्दा गंभीर रूप ले लेता है, लेकिन इसके साथ-साथ लोगों की भावनाओं और परंपराओं को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार यह मानती है कि प्रदूषण नियंत्रण महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे ऐसे लागू किया जाए जिससे आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। ग्रीन पटाखे इस दिशा में एक संतुलित समाधान हैं, क्योंकि इनमें सामान्य पटाखों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक कम प्रदूषण फैलता है।”

रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार वैज्ञानिकों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। इस रिपोर्ट में ग्रीन पटाखों के उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव, वायु गुणवत्ता पर पड़ने वाले असर और प्रदूषण के स्तर का तुलनात्मक अध्ययन शामिल होगा। सरकार का कहना है कि अगर ग्रीन पटाखों पर अनुमति मिलती है, तो इनके लिए तय समय और स्थान भी सीमित रखे जाएंगे ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण बना रहे।

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सरकार का उद्देश्य किसी तरह का अव्यवस्थित आतिशबाज़ी का समर्थन करना नहीं है, बल्कि ऐसे वैज्ञानिक और नियंत्रित उपायों की वकालत करना है जो लोगों की खुशियों में खलल न डालें और साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने से लोगों में असंतोष और अवैध रूप से पटाखे जलाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, जिससे प्रदूषण और बढ़ता है। ऐसे में ग्रीन पटाखों को नियंत्रित रूप से अनुमति देना बेहतर विकल्प होगा।

दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलती है, तो राजधानी में केवल प्रमाणित विक्रेताओं को ही ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री या उपयोग न हो। सरकार दिवाली से पहले लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाएगी, जिसमें बताया जाएगा कि ग्रीन पटाखे कैसे पर्यावरण के लिए बेहतर हैं और इन्हें सुरक्षित तरीके से कैसे जलाया जा सकता है।

सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ये सभी ग्रीन पटाखे अधिकृत संस्थाओं द्वारा निर्मित हों, जिन्हें सक्षम और संबंधित विभागों द्वारा प्रमाणित किया गया हो। साथ ही, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर प्रभावी रोक और पर्यावरण की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय को यह आश्वासन भी दिया है कि इस संबंध में जारी किसी भी निर्देश को लागू करने के लिए वह पूर्ण सहयोग देगी।

SC से ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति

SC से ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति
SC से ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने प्रमाणित पटाखा विनिर्माताओं को शुक्रवार को एक बड़ी राहत देते हुए ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति दे दी है। हालांकि, यह अनुमति एक महत्वपूर्ण शर्त के साथ दी गई है, इन पटाखों की बिक्री दिल्ली-एनसीआर में बिना मंजूरी के नहीं की जाएगी।

प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को यह निर्देश भी दिया कि वह दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के विनिर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के फैसले पर नए सिरे से विचार करे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली और एनसीआर में दिवाली के दौरान प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ जाता है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी पहले कई बार पटाखों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। अब देखना होगा कि इस बार दिल्ली सरकार की यह पहल न्यायालय के सामने कितनी स्वीकार्य होती है।

सरकार का दावा है कि अगर ग्रीन पटाखों को सीमित समय में चलाने की इजाजत मिलती है, तो इससे लोगों के त्योहार की खुशियां भी बरकरार रहेंगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह कदम एक संतुलित दृष्टिकोण है, जो पर्यावरण और परंपरा दोनों का सम्मान करता है।

संक्षेप में, दिवाली पर प्रदूषण और परंपरा के बीच संतुलन बनाने के लिए रेखा गुप्ता सरकार सुप्रीम कोर्ट में ग्रीन पटाखों की अनुमति की याचिका दायर करेगी। अब देश की नजरें सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि इस बार राजधानी की दिवाली रोशनी और पर्यावरण के बीच कैसा संतुलन बनाएगी।

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