बिहार के डिप्टी सीएम की दौड़ तेज—नाम हुए फाइनल!

बिहार में नई सरकार के गठन के लिए NDA के दलों की बैठ जारी है। ये बात साफ हो गई है नीतीश कुमार ही राज्य के सीएम होंगे। वहीं, अब डिप्टी सीएम के नाम का भी खुलासा हो गया है।

बिहार में हाल ही हुए विधानसभा चुनाव के बाद नए सिरे से सरकार बनाने की प्रक्रिया ज़ोरों पर है। एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटों पर ऐतिहासिक जीत मिली है, जिससे उसे स्पष्ट बहुमत मिला है। ऐसे में गठबंधन ने पिछले कार्यकाल की तरह फिर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के अपने इरादे को दोहराया है।

बिहार के डिप्टी सीएम की दौड़ तेज—नाम हुए फाइनल!
बिहार के डिप्टी सीएम की दौड़ तेज—नाम हुए फाइनल!

विधायक दलों की बैठक में फोकस सरकार गठन पर

बुधवार को पटना में भाजपा और जदयू दोनों की विधायक दल की बैठकें हुईं। ये बैठकें नई सरकार की रूपरेखा तय करने का हिस्सा थीं — शपथ ग्रहण समारोह, मंत्रिपरिषद का बंटवारा और उपमुख्यमंत्री-पद की संभावनाओं पर गहन विचार किया गया। एनडीए के वरिष्ठ नेता लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि पिछले कार्यकाल की तिकड़ी — नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा — फिर से सत्ता में लौटेगी।

उपमुख्यमंत्री : वही चेहरा, वही जोड़

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को फिर से उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) बनाए जाने की संभावना है। AajTak की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी ने उन्हीं बड़-चेहरों पर मोहर लगाई है।

  • सम्राट चौधरी पिछली सरकार में भी उपमुख्यमंत्री थे।
  • विजय कुमार सिन्हा भी पिछले कार्यकाल में डीसीएम रह चुके हैं।
  • दोनों का पुनरावर्तन इस बात का संकेत है कि एनडीए इस “वर्चुअल ट्रायड” (तीन-मुख्य नेतृत्व) फॉर्मूले को कायम रखना चाहता है। इस फॉर्मूले में मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री के संतुलन और पार्टी अंदरूनी संतुलन दोनों शामिल हैं।

चिराग पासवान की संभावनाएं और भूमिका

चिराग पासवान की संभावनाएं और भूमिका
चिराग पासवान की संभावनाएं और भूमिका

हालाँकि कुछ चर्चा में चिराग पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख, को भी डिप्टी सीएम पद की दावेदारी लेते हुए देखा गया था। लेकिन सूत्र कह रहे हैं कि इस बार पासवान को यह शीर्ष पद मिलेगा नहीं, क्योंकि एनडीए ने पुराने समीकरणों को प्राथमिकता दी है।

चिराग पासवान ने खुद कहा था कि उनका दल सत्ता में सक्रिय भागीदारी चाहता है, लेकिन उन्होंने यह भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री पद की दावेदारी उनके पक्ष में नहीं है। उनकी यह रणनीति गठबंधन में उनकी हैसियत बढ़ाने की जरूर है, लेकिन अभी तक प्रकाशित रिपोर्ट्स में उनकी नामांकन की पक्की पुष्टि नहीं हुई है।

शपथ ग्रहण समारोह और आगे का रोडमैप

  • शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर, 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा।
  • इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
  • सरकार गठन के बाद, मंत्रिपरिषद में विभागों का बंटवारा अपेक्षित है, और एनडीए कोशिश करेगा कि विभिन्न घटक दलों और वर्गों का संतुलन कायम किया जाए।

राजनीतिक मायने और चुनौतियाँ

  • इस बार भी वही नेतृत्व जोड़ू राजनीतिक स्थिरता का संकेत देता है — नीतीश कुमार के नेतृत्व में, और सम्राट–विजय की जोड़ी उप मुख्यमंत्री पदों पर।
  • इससे यह उम्मीद है कि पिछले कार्यकाल की नीतियाँ और योजनाएं — जैसे कि विकास परियोजनाएँ, राज्य-स्तरीय कल्याण कार्यक्रम — आगे जारी रहेंगी।
  • लेकिन आलोचक कह सकते हैं कि यह “पुरानी तिकड़ी” बदलाव और नये चेहरे लाने में विफल हो सकती है, खासकर जब बिहार को युवा रोजगार, शिक्षा, और पलायन जैसी चुनौतियों का सामना करना है।
  • वहीं, चिराग पासवान की दावेदारी पर यदि दबाव बना रहा, तो यह भविष्य में गठबंधन dynamics पर असर डाल सकता है।

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