बीजेपी नेता इंद्रजीत सिन्हा की दुर्दशा: कैसे एक पूर्व बीजेपी नेता भीख मांगने को मजबूर हो गया

बंगाल भाजपा के एक समय के ताकतवर नेता रहे इंद्रजीत सिन्हा को बीमार अवस्था में बीरभूम जिले के तारापीठ स्थित श्मशान घाट में कटोरा लेकर भीख मांगते देखा गया। करीब 10 साल पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। एक समय वे राजनीति में छाए रहते थे लेकिन बीमारी के कारण वह कोई भी काम करने में असमर्थ थे। परिणामस्वरूप दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए उन्होंने तारापीठ जाकर भीख मांगना शुरू कर दिया। इंटरनेट मीडिया पर भीख मांगते हुए उनकी तस्वीर वायरल होते ही पार्टी में हड़कंप मच गया। बता दें कि इंद्रजीत सिन्हा को क्षेत्र में ‘बुलेट दा’ के नाम से जाना जाता है। इंद्रजीत सिन्हा लगभग दो वर्षों से कैंसर से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट का मानेंं तो आज राज्य के किसी भी अस्पताल में उनके इलाज के लिए जगह नहीं है. वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उन्हें ‘तारापीठ श्मशान घाट’ के बाहर भीख मांगना पड़ रहा है । इंद्रजीत सिन्हा ने बताया कि वे लोगों की मदद करते-करते खुद कर्ज में डूब गए , उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया है, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को किसी भी बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती करवाकर और उन्हें सस्ती दवाइयां उपलब्ध करवाकर मैंने बहुत से लोगों का आशीर्वाद प्राप्त किया है। पार्टी के कार्यक्रमों का आयोजन करते समय मैं बहुत ज़्यादा कर्ज़ में डूब गया। इसलिए आज मैं अपना इलाज नहीं करवा पा रहा। अपना खाना भी नहीं खरीद सकता, मुझे लोगों से भीख मांगनी पड़ती है’।