प्रयागराज में इन दिनों दिव्य और भव्य महाकुंभ मेला चल रहा है. इस हफ्ते शनिवार और रविवार को भारी भीड़ आने का अनुमान जताया जा रहा है, जिसके चलते महाकुंभ मेला क्षेत्र को 15 और 16 फरवरी को पूर्ण रूप से No Vehicle Zone घोषित कर दिया गया है। प्रशासन ने यह निर्णय शनिवार और रविवार को अनुमानित भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए लिया है। इस दौरान किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जिसे देखते हुए मेला प्रशासन ने सभी पास को रद्द कर दिया है, पास धारक वाहनों को भी नजदीकी पार्किंग में डाइवर्ट किया जाएगा। श्रद्धालुओं को प्रशासन द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक परिवहन साधनों का उपयोग करने की सलाह दी गई है। यहां तक प्रयागराज संगम स्टेशन कल तक बंद रहेंगे। वहीं, श्रद्धालुओं के लिए वंदे भारत स्पेशल चलाई जाएगी। रेलवे पहली बार महाकुम्भ के श्रद्धालुओं के लिए वंदे भारत विशेष एक्सप्रेस का संचालन करने जा रहा है। दरअसल, मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से सीख लेते हुए प्रशासन जरूरी सावधानियां बरत रहा हैं.
वीकेंड पर भारी भीड़ पहुंचने का अनुमान
महाकुंभ स्नान के लिए संगम स्टेशन पर पहुंची रही भारी भीड़ को देखते हुए स्टेशन को बंद करने का निर्णय लिया है. यह स्टेशन संगम के सबसे नजदीक है. यहां 16 फरवरी तक सभी तरह की एंट्री और एग्जिट पर रोक लगा दी है. बता दें कि माघ पूर्णिमा से पहले उमड़ी भीड़ के चलते 9 फरवरी को ही प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन 14 फरवरी तक के लिए बंद किया गया था, जिसे बढ़कर अब 16 फरवरी तक कर दिया गया है.
- No Vehicle Zone घोषित होने के पीछे मुख्य कारण
- भीड़ नियंत्रण: महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन शनिवार और रविवार को श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी होने की संभावना है।
- यातायात व्यवस्था: वाहनों की संख्या बढ़ने से मुख्य स्नान घाटों और मेला क्षेत्र में जाम की स्थिति बन सकती थी।
- आगामी महत्वपूर्ण तिथियां: 16 फरवरी के बाद शाही स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान होने हैं, जिनके लिए कुंभ क्षेत्र को व्यवस्थित रखना आवश्यक है।
- आपातकालीन सेवाएं: एंबुलेंस, दमकल और अन्य आपातकालीन सेवाओं को आसानी से आवागमन के लिए रास्ता देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मेला क्षेत्र में अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाएं और प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें। किसी भी आपातकालीन स्थिति में श्रद्धालु प्रशासनिक हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।