यूपी बजट सत्र में हंगामा; विपक्ष के हंगामे पर सीएम योगी की तंज भरी अपील !

बजट सत्र के पहले दिन विपक्षी विधायकों का जोरदार प्रदर्शन , सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष की भी जिम्मेदारी है कि सदन में सार्थक चर्चा हो !

उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो चुका है. यह इस वर्ष का पहला सत्र है. सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया ,विपक्षी पार्टियों के विधायक अपने-अपने तरीके से विधानसभा परिसर में विरोध कर रहे हैं. कोई अस्थि कलश लेकर आ रहा है तो कोई खुद को जंजीरों से बांधा हुआ है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. सीएम योगी ने बताया कि 20 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश होगा और पांच मार्च तक सदन चलेगा. ऐसे में बेहतर चर्चा हो सकती है. सीएम योगी ने कहा कि अगर विपक्ष अपनी हार का हताशा सदन पर ना निकाले तो चर्चा बेहतर होगी ,

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘सदन की कार्रवाई बेहतर तरीके से चले, यह सिर्फ सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष का भी दायित्व होता है. देश और दुनियां में यूपी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है, इससे विपक्ष परेशान है , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र (2025-26) प्रारंभ होने के पहले पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने विपक्ष को आईना दिखाते हुए कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि हार की हताशा से परेशान विपक्ष अपनी खुन्नस को सदन पर नहीं उतारेगा, बल्कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सकारात्मक योगदान करेगा. सीएम ने कहा कि अभिभाषण व बजट महत्वपूर्ण मुद्दे होते हैं, जिसमें विपक्ष ही नहीं, बल्कि सदन का हर सदस्य अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकता है. इसके अलावा भी विपक्ष जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहेगा, सरकार उसका तथ्यात्मक जवाब देने के लिए पूरी तौर पर तैयार है। 

विधानसभा के सामने प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के शुरू होने के दिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने महाकुंभ में हुई भगदड़ के दौरान हुई मौतों के खिलाफ विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया. समाजवादी पार्टी के एक नेता ने सरकार की निंदा करते हुए प्रतीकात्मक रूप से सरकार की नैतिकता की राख को अपने पास रख लिया. सपा नेता आशुतोष सिन्हा ने एएनआई से कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ का आयोजन किया, लेकिन इसमें इतनी अव्यवस्था थी कि कई लोगों की जान चली गई और सरकार मौतों की संख्या भी जारी नहीं कर रही है, वे हर रोज संख्या देते हैं कि कितने लोगों ने स्नान किया, लेकिन यह नहीं बता पाते.” उन्होंने कहा, “हम सरकार की नैतिकता की अस्थियां लेकर यहां आए हैं, क्योंकि सरकार की नैतिकता मर चुकी है. हमने उन्हें यहां राजनीति के मंदिर (विधानसभा) में रख लिया है.” ।