महाशिवरात्रि से पहले भव्य रूप में सजा काशी विश्वनाथ धाम !

महाशिवरात्रि तो देश भर में मनाई जाती है, लेकिन भोले बाबा की नगरी काशी में यह महाउत्सव होता है। फागुन कृष्ण पक्ष के चौदस की सांवली-सलोनी रात निकलने वाली शिव बरात मात्र एक जुलूस या शोभायात्रा नहीं, काशी का अपना भाव, स्व-भाव है । महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों की अंतिम यात्राएं होती हैं। इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार मंदिर में सप्त ऋषि आरती, श्रृंगार भोग आरती और शयन आरती का आयोजन नहीं होगा। इसके स्थान पर बाबा विश्वनाथ की चार प्रहर की विशेष आरती की जाएगी, जिससे भक्तों को पूरे दिन और रात विशेष दर्शन और पूजा का अवसर मिलेगा।

विशेष सजावट और सुरक्षा व्यवस्था

महाशिवरात्रि के इस शुभ अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम का भव्य और दिव्य स्वरूप अवतरित किया गया है। पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटें, फूल और झालरों से अद्भुत रूप दिया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने कड़ी तैयारी की है। विश्व के सीईओ मिश्रा और डिप्टी रेकी शंभू शरण ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और भागों का नेतृत्व किया। काशी विश्वनाथ धाम में विद्युत झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से आकर्षक तरीके अपनाए गए हैं। झालरों और लाइटों की विशाल रोशनी में श्री काशी विश्वनाथ महादेव की मूर्ति आख्या बनाई जा रही है। मंदिर में चल रही है भक्तों के न्यास के अधिकारी सतत निगरानी कर रहे हैं।