सांसदों की सैलरी में 24% का बंपर इजाफा, भत्ते में भी बढ़ोतरी !

सांसदों की सैलरी में 24% बढ़ोतरी की गई है। अब उन्हें 1.24 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। पूर्व सांसदों की पेंशन 31,000 रुपये कर दी गई, जबकि डेली अलाउंस 2,000 से बढ़ाकर 2,500 रुपये हुआ। यह संशोधन 1 अप्रैल 2023 से लागू होगा, अधिसूचना संसदीय कार्य मंत्रालय ने जारी की।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने सांसदों की सैलरी बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को 1.24 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। यह बढ़ोतरी पहले की तुलना में 24% अधिक है।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नई वेतन संरचना 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसके साथ ही पूर्व सांसदों की पेंशन भी बढ़ाकर 31,000 रुपये कर दी गई है, जिससे उनके जीवनयापन में राहत मिलेगी।  ये बदलाव संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 द्वारा मिली शक्तियों का इस्तेमाल कर किया गया है और ये इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में उल्लिखित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (Cost Inflation Index) पर आधारित है। सैलरी, निर्वाचन क्षेत्र और ऑफिस के भत्ते को मिलाकर, मौजूदा सांसदों को अब हर महीने कुल 2,54,000 रुपये की सैलरी मिलेगी।

सांसदों की सैलरी में 24% का बंपर इजाफा, भत्ते में भी बढ़ोतरी !
सांसदों की सैलरी में 24% का बंपर इजाफा, भत्ते में भी बढ़ोतरी !

सांसदों को हर महीने मिलेंगे कुल 2.54 लाख रुपये

संसदीय कार्य मंत्रालय ने कहा कि सांसदों की सैलरी, दैनिक भत्ते और पूर्व सांसदों की पेंशन में होने वाली ये बढ़ोतरी 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगी। ये बदलाव संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 द्वारा मिली शक्तियों का इस्तेमाल कर किया गया है और ये इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में उल्लिखित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (Cost Inflation Index) पर आधारित है। सैलरी, निर्वाचन क्षेत्र और ऑफिस के भत्ते को मिलाकर, मौजूदा सांसदों को अब हर महीने कुल 2,54,000 रुपये की सैलरी मिलेगी। बताते चलें कि सदन के चलने वाले सत्र के दौरान सांसदों को दैनिक भत्ता मिलता है।

हर 5 साल में बढ़ती है सांसदों की सैलरी

बताते चलें कि पिछली बार साल 2018 में सांसदों की सैलरी में बढ़ोतरी की गई थी। उस समय सांसदों की सैलरी बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया था। साल 2018 में, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने महंगाई के अनुसार हर 5 साल में सांसदों की सैलरी में ऑटोमैटिक रिवीजन के लिए एक कानून का प्रस्ताव रखा था। भारत में सांसदों को सैलरी के साथ-साथ कई तरह के भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं। सैलरी के अलावा, सांसदों को निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में हर महीने 70,000 रुपये और ऑफिस भत्ते के लिए हर महीने 60,000 रुपये मिलते हैं

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