लोकसभा में वक्फ बिल पारित, सोनिया गांधी ने जताई संविधान के अंत की चेतावनी

सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश को रसातल में ले जा रही है, जहां संविधान केवल कागजों पर रह जाएगा।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा कि वक्फ विधेयक संविधान पर खुला हमला है। उन्होंने कहा कि यह समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में रखने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति का हिस्सा है।
सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार देश को रसातल में ले जा रही है, जहां संविधान केवल कागजों पर रह जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका इरादा संविधान को ध्वस्त करना है। वक्फ संशोधन विधेयक, जिसके बारे में सोनिया गांधी ने कहा कि इसे लोकसभा में 'बुलडोजर' से पारित कर दिया गया है, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार लाने के उद्देश्य से बनाया गया एक कानून है, जो इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए दान की गई धर्मार्थ संपत्तियां हैं। विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों और उनकी कार्यप्रणाली की दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है।

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी

वक्फ बोर्ड क्या है और कैसे काम करता है?

लोकसभा ने गुरुवार तड़के एक मैराथन और गरमागरम बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया, जिसके दौरान विपक्षी गुट ‘भारत’ के सदस्यों ने इस कानून का जमकर विरोध किया, जबकि भाजपा और उसके सहयोगियों ने इसे ‘मुस्लिम विरोधी’ होने के दावों से इनकार करते हुए कहा कि यह पारदर्शिता लाएगा और वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाएगा। सोनिया गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक में पार्टी सांसदों से कहा कि वे भारत को निगरानी राज्य में बदलने की मोदी सरकार की मंशा को उजागर करें।
इसके अलावा, सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक’ “संविधान का एक और उल्लंघन” है, उन्होंने कहा कि पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है।

वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित, गरीब मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए किए गए प्रावधान
विपक्ष ने विवादास्पद वक्फ (संशोधन) वक्फ, 2025 जारी किया। अपवित्रता ने इसे अल्पसंख्यकों के लिए परिभाषित किया, जबकि सांख्यिकी ने इसे "मुस्लिम विरोधी" करार दिया। विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को ध्वनि मत से अस्वीकृत करने के बाद विधेयक पारित कर दिया गया; अंतिम मत विभाजन में पक्ष में 288 तथा विपक्ष में 232 मत पड़े। बहस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बना हुआ है तथा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का धर्मनिरपेक्ष बहुमत उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा, "कुछ सदस्यों ने कहा है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। यह बयान पूरी तरह से गलत है। अल्पसंख्यकों के लिए भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं है। मैं भी अल्पसंख्यक हूं और हम सभी यहां बिना किसी डर और गर्व के साथ रह रहे हैं।"
सोनिया गांधी ने जताई संविधान के अंत की चेतावनी

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