कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में चार्जशीट दायर की है। इसके खिलाफ आज कांग्रेस पार्टी देशभर में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस राज्यों के ED दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन करेगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरेगी। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान में सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की गई है। पार्टी इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए देशभर में ED ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी।
नेशनल हेराल्ड आजादी से पुराना अखबार है, लेकिन नेशनल हेराल्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप साल 2012 में लगे थे। इसके खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में कहा था कि ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90 करोड़ रुपये वसूलने का उपाय निकाला जो ‘नियमों के खिलाफ’ है

कांग्रेस बोली- यह बदले की राजनीति, BJP ने कहा- खामियाजा भुगतेंगे
- कांग्रेस ने इसे बदले की राजनीति बताया। जयराम रमेश ने लिखा, ‘नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहने हुए राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ नहीं है। हालांकि, कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं रहेगा। सत्यमेव जयते।’
- हालांकि, BJP ने कहा है कि जो लोग भ्रष्टाचार और सार्वजनिक संपत्ति की लूट में लिप्त थे, उन्हें अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनवाला बोले-अब ईडी का मतलब डकैती तथा वंशवाद का अधिकार नहीं है। वे जनता का पैसा, संपत्ति हड़प लेते हैं और कार्रवाई होने पर विक्टिम कार्ड खेलते हैं। उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में भी जनता की संपत्ति को अपना बना लिया।
मंगलवार को कोर्ट में क्या हुआ
राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा- पीएमएलए 2002 की धारा 44 और 45 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ईडी ने एक नई शिकायत दायर की है। इसे धारा 3 के साथ धारा 70 के तहत डिस्क्राइब किया गया है। यह पीएमएलए, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय है।
हालांकि इस मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में एडीशनल चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के पास चल रही है। लेकिन जस्टिस गोगने ने कहा कि की PMLA की धारा 44(1)(C) के तहत सुनवाई उसी अदालत में की जानी चाहिए जिसने PMLA की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग केस पर संज्ञान लिया है। दोनों अपराधों का फैसला एक ही क्षेत्राधिकार में किया जाना चाहिए।
चार्जशीट से पहले प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई हुई
दिल्ली के हेराल्ड हाउस (5A, बहादुर शाह जफर मार्ग), मुंबई के बांद्रा (ईस्ट) और लखनऊ के विशेश्वर नाथ रोड स्थित AJL की बिल्डिंग पर नोटिस चिपकाए गए थे। 661 करोड़ की इन अचल संपत्तियों के अलावा AJL के 90.2 करोड़ रुपए के शेयरों को ED ने नवंबर 2023 में अपराध की आय को सुरक्षित करने और आरोपी को इसे नष्ट करने से रोकने के लिए कुर्क किया था।
सोनिया-राहुल से घंटों हुई थी पूछताछ
जून 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे पूछताछ हुई थी। फिर 21 जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे सवाल हुए थे। इस दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए।
नेशनल हेराल्ड केस क्या है?

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।
आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया।
स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।
स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।
जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी।
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