जातीय जनगणना को मंजूरी के बाद यूपी की सियासत में हलचल तेज़, अखिलेश यादव ने बताया सपा के दबाव का नतीजा, 2027 की रणनीति पर नजर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की कमेटी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है. इस निर्णय को विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सबसे बड़े मुद्दे को छीनते हुए मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है.
वही लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि BJP अब जातीय जनगणना के लिए तैयार हुई है, यह सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है। अखिलेश ने इसे PDA की एकजुटता की जीत बताया और कहा कि यह एक लंबी लड़ाई का नतीजा है।
उन्होंने BJP पर निशाना साधते हुए कहा, “सभी ने समय-समय पर BJP की चुनावी धांधली देखी है, इसलिए जरूरी है कि जातीय जनगणना ईमानदारी से हो। ये लोग गिनती में भी धांधली कर सकते हैं।” अखिलेश ने यह भी कहा कि संविधान के आगे “मनविधान” नहीं चल सकता।

सपा अध्यक्ष ने मजदूरों के मुद्दे उठाते हुए कहा कि देश में अभी भी न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही, सामाजिक सुरक्षा नहीं है और मजदूरी में भारी कमीशनखोरी हो रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि BJP जिन मुद्दों का पहले विरोध करती थी, अब उन्हीं का स्वागत कर रही है।
अखिलेश ने इसे “इंडिया की जीत” बताते हुए कहा कि यह जनआंदोलन की ताकत है जो सरकार को झुकने पर मजबूर करती है। देश संविधान से चलता है मन विधान से नहीं।
अखिलेश यादव ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “जाति जनगणना का फैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है. हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है. सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है. भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे.
एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे. ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम. भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा. संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है. ये INDIA की जीत है!”
जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय पर जोर:

अखिलेश ने कहा कि जातीय जनगणना सामाजिक न्याय की लड़ाई की एक महत्वपूर्ण कड़ी है. उन्होंने दावा किया कि ईमानदार जातीय जनगणना के बिना संविधान की भावना अधूरी रह जाएगी. “हम मानते हैं कि INDI गठबंधन की जीत हुई है. यह मुद्दा हम हमेशा जिम्मेदारी से उठाएंगे.”
मजदूर दिवस पर दी शुभकामनाएं:

अखिलेश यादव ने 1 मई, मजदूर दिवस के मौके पर देश के सभी श्रमिक भाइयों को बधाई देते हुए कहा, “आज शंख बजा है तो परिवर्तन तय है.” उन्होंने जज मनोज और पीडीए हेल्पलाइन का भी आभार जताया. कहा कि इससे गरीबों की मदद हो सकेगी. उन्होंने पीडीए का डेटा सेंटर बनाए जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सरकार जवाब देने से कतराती है और रिटायर अफसरों को आगे कर देती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी धांधली की है. यह धांधली जातीय जनगणना में भी कर सकती है. इसलिए मैं कह रहा हूं कि जातीय जनगणना को धांधली से दूर रखें और ईमानदार जातीय जनगणना कराएं. उन्होंने निजी संस्थानों में पीडीए (पिछड़े, दलित, आदिवासी) समुदाय की भागीदारी पर भी बहस तेज करने की बात कही.
पहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा बना रहेगा:
उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला गंभीर मामला है, जिसे किसी भी तरह डायवर्ट नहीं किया जा सकता. उन्होंने सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की और पाकिस्तान के साथ चीन की स्थिति पर भी सख्त रुख अपनाने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो आश्वासन दिलाया है, उस पर ठोस कार्रवाई करेगी. देश की सभी राजनीतिक दलों के साथ पूरी जनता सरकार के साथ है.
उन्होंने कहा कि जातिवाद का आरोप भले ही सपा पर लगाया जाता हो, लेकिन अब जातीय जनगणना की जीत बताती है कि यह समाज की जीत है. अखिलेश यादव ने कहा कि जब से हम लोग एक्सप्रेस-वे की बात करने लगे हैं तब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपनों में एक्सप्रेस-वे बनवा रहे हैं और वह भी हम लोगों के भाषण को याद करके एक्सप्रेस-वे बोलने लगे हैं.
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