ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर का लखनऊ में उद्घाटन हुआ है। इसका उद्देश्य मिसाइल की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन को सुनिश्चित करना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लखनऊ में ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया है। 300 करोड़ रुपए की यह सुविधा उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आत्मनिर्भर रक्षा विनिर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इसमें न केवल मिसाइल उत्पादन बल्कि टेस्टिंग, इंटीग्रेशन और एयरोस्पेस-ग्रेड कंपोनेंट्स के लिए एक मैटेरियल कॉम्पलेक्स भी शामिल है। ये आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी छलांग है, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को रणनीतिक बढ़ावा मिलेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया उद्घाटन

राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मुझे आपसे बात करके बहुत खुशी हो रही है. मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल होना चाहता था, लेकिन आप जानते हैं कि मैं क्यों नहीं आ सका. हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए मेरे लिए दिल्ली में रहना महत्वपूर्ण था. इसलिए, मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपसे जुड़ रहा हूं.
पीएम मोदी ने 2018 में की थी परिकल्पना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की परिकल्पना की थी, जिसका उद्देश्य राज्य को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट को छह प्रमुख नोड्स के रूप में विकसित किया जा रहा है. जहां रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश जारी है.
ब्रह्मोस टेस्टिंग फैसिलिटी क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

ब्रह्मोस टेस्टिंग फैसिलिटी से इस मिसाइल की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन को सुनिश्चित किया जाता है, जो इसके इंटीग्रेशन और टेस्टिंग में अहम भूमिका निभाती है। इस फैसिलिटी के जरिए मिसाइल को असेंबल करने के लिए विभिन्न घटकों और उनकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए हाई क्वालिटी टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
इस सुविधा से भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और इससे स्वदेशी स्तर पर मिसाइलों के परीक्षण की क्षमता को मजबूती मिलेगी। इससे मिसाइलों की टेस्टिंग होगी, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता और मार्केटिंग में सुधार होगा।
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएं क्या हैं?

- सतह से सतह की रेंज: 450-800 KM
- हवा से सतह की रेंज: 450-500 KM
- समंदर से सतह की रेंज: 500 KM
ऑपरेशन सिंदूर ने दिया जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जिन आतंकियों ने आतंकी हमला करके हमारी बहनों का सिंदूर मिटाया उसका जवाब ऑपरेशन सिंदूर ने दिया। भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचा ढहाने के उद्देश्य से लॉन्च किया था। हमने उनके आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया था। मगर पाकिस्तान ने ना केवल भारत के नागरिक इलाकों को निशाना बनाया बल्कि मंदिर, गुरुद्वारा और गिरिजाघर पर भी हमले करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ संयम का भी परिचय देते हुए पाकिस्तान के अनेक सैन्य ठिकानों पर प्रहार करके करारा जवाब दिया है।
CM योगी का आभार किया प्रकट

इस मौके पर, मैं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार प्रकट करता हूँ. यदि इतने कम समय में, ब्रह्मोस की integration and testing facility की स्थापना हो सकी, तो इसके पीछे योगी जी का बहुत बड़ा योगदान है. दरअसल, लखनऊ में नई ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन फैसिलिटी शुरू हुई है, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी। यह यूनिट प्रतिवर्ष 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलें बनाएगी.
300 करोड़ की लागत से तैयार की गई मिसाइल

300 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस यूनिट में ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएगी, जो 290-400 किमी की रेंज और 2.8 मैक की गति से सटीक हमला कर सकती है. यह मिसाइल भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के संयुक्त उद्यम, ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित की गई है. इसे जमीन, समुद्र या हवा से लॉन्च किया जा सकता है और यह “फायर एंड फॉरगेट” सिस्टम पर काम करती है.
रक्षा मंत्री ने परमाणु परीक्षण का किया जिक्र
राजनाथ सिंह ने कहा, “आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है। 1998 में इसी दिन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था और दुनिया को भारत की ताकत दिखाई थी। वह परीक्षण हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, रक्षा कर्मियों और कई अन्य हितधारकों के अथक प्रयासों का परिणाम था।”
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