हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड समेत कई एशियाई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। हालाँकि, भारत में मामलों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
पिछले एक महीने में हांगकांग-सिंगापुर सहित कई देशों में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। खबरों के मुताबिक इस बार न सिर्फ संक्रमण के मामलों में उछाल आया है, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने वाले और गंभीर स्थितियों में मौत के मामलों में भी इजाफा देखा जा रहा है। संक्रमण के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सावधान करते रहे हैं।

इस बीच धीमी गति से भारत में भी कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है। सोमवार (20 मई) को बिग बॉस फेम शिल्पा शिरोडकर संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद से सवाल उठने शुरू हो गए थे कि क्या भारत में भी हांगकांग-सिंगापुर की तरह खतरा बढ़ रहा है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर साझा की गई जानकारियों के मुताबिक फिलहाल देश में कोरोना के 257 एक्टिव केस हैं। ये मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि दुनियाभर में एक बार फिर से बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सुरक्षात्मक उपायों के पालन की सलाह दी है।
हांगकांग, चीन, थाईलैंड, सिंगापुर में मामलों में वृद्धि

हांगकांग में स्वास्थ्य केंद्र का कहना है कि वायरस की सक्रियता “काफी अधिक” है और जांच भी एक साल में सबसे अधिक हो गई है। इस साल मई के पहले तीन दिनों तक हांगकांग में 31 गंभीर मामले सामने आए।
चीन में 31 मार्च से 4 मई तक कोविड-19 पॉजिटिविटी दर 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 16.2 प्रतिशत हो गई है। अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों में भी वृद्धि हुई है।
सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के साथ अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, मामले 28 प्रतिशत बढ़कर 14,200 हो गए हैं। पिछले सप्ताह यह संख्या 11,100 थी।
थाईलैंड में पिछले दो सप्ताह में मामलों की संख्या दोगुनी होकर 16,000 से बढ़कर 17 मई को समाप्त सप्ताह में 33,000 से अधिक हो गई है। अधिकांश मामले बैंकॉक, चोन बुरी, रेयोंग और नॉनथाबुरी में दर्ज किए गए हैं।
मामलों में वृद्धि के साथ, थाईलैंड ने अपने नागरिकों से “बूस्टर टीकाकरण” कराने का आग्रह किया है।
कोविड-19 के मामलों में उछाल का कारण

कोविड-19 का एक वैरिएंट JN.1 और ओमीक्रॉन वंश का BA.2.86 सबवैरिएंट, कोविड मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “रुचि का वैरिएंट” तो माना है, लेकिन “चिंता का विषय” नहीं।
वर्तमान में, ‘एलएफ.7’ और ‘एनबी.1.8’ – दोनों ‘जेएन.1’ वेरिएंट के वंशज हैं – सिंगापुर में घूम रहे कोविड-19 वायरस के मुख्य वेरिएंट हैं। ये वेरिएंट मिलकर स्थानीय रूप से अनुक्रमित मामलों के दो-तिहाई से अधिक मामलों के लिए ज़िम्मेदार हैं।
हांगकांग के अधिकारियों ने 15 मई को एक बयान में कहा कि कोविड-19 वायरस का XDV स्ट्रेन इस साल मार्च के अंत से स्थानीय स्तर पर प्रसारित हो रहा है।
हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की सरकार ने कहा, “2024 की शुरुआत में, स्थानीय रूप से प्रसारित होने वाले प्रमुख स्ट्रेन एक्सबीबी से जेएन.1 में बदल गए; जबकि 2024 की तीसरी तिमाही में, वे जेएन.1 से केपी.2 और केपी.3 में बदल गए; और इस साल मार्च के अंत से वे एक्सडीवी में बदल गए हैं।”
भारत में स्वास्थ्य अधिकारी सिंगापुर और हांगकांग में कोविड-19 मामलों में वृद्धि की रिपोर्टों पर नजर रख रहे हैं, जबकि आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दावा किया कि देश में वर्तमान कोरोना वायरस की स्थिति नियंत्रण में है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने सोमवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), आपातकालीन चिकित्सा राहत (ईएमआर) प्रभाग, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों के साथ एक समीक्षा बैठक बुलाई।
विशेषज्ञ समीक्षा बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारत में वर्तमान कोविड-19 स्थिति नियंत्रण में है।
भारत में कोरोना से कैसे हैं हालात?
भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां स्थिति काफी नियंत्रित है। सोमवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों की समीक्षा बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि सिंगापुर और हांगकांग में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, हम भारत में भी कोरोना की स्थिति पर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं।
भारत में कोविड के हालात काबू में है और सभी केस हल्के लक्षण वाले हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। सूत्रों ने बताया कि अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और श्वसन संक्रमण के गंभीर मामलों की निगरानी करने के लिए कहा गया है।
- केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। 12 मई के बाद से, के रल में सबसे ज्यादा नए मामले (69) सामने आए हैं।
- इसके बाद महाराष्ट्र (44) और तमिलनाडु (34) का स्थान है। कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम जैसे अन्य राज्यों में संक्रमित देखे गए हैं, पर स्थिति नियंत्रित है।
- मुंबई के केईएम अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित दो लोगों की मौत की खबर है। दोनों ही मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर थी।
- एक मरीज को मुंह का कैंसर था, जबकि दूसरे को नेफ्रोटिक सिंड्रोम था। सूत्रों के मुताबिक, दोनों की मौत कोविड-19 के बजाय उनकी पहले से मौजूद बीमारियों के कारण हुई।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कोरोना की स्थिति पर देश के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना ही एकमात्र सावधानी है। हाथ की स्वच्छता बनाए रखना, मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए।
संक्रमितों को क्या दिक्कतें हो रही हैं?
जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट में बताया था कि JN.1 में कुछ अतिरिक्त परिवर्तन (म्यूटेशन) देखे गए हैं जो इसे शरीर में वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा देकर संक्रमण फैलाने के लिए योग्य बनाते हैं, हालांकि इसकी गंभीरता कम है।
ओमिक्रॉन और इसके अन्य वैरिएंट्स से संक्रमित लोगों को मुख्यरूप से सूखी खांसी, नाक बहना या बंद होने, सिरदर्द, गले में खराश, बुखार और थकावट होने,स्वाद या गंध का न महसूस होने के साथ पाचन की दिक्कत हो सकती है।
इस वैरिएंट् से संक्रमण की स्थिति में गंभीर खतरा उन लोगों में अधिक हो सकता है जो पहले से कोमोरबिडिटी का शिकार हैं या फिर 65 साल से अधिक उम्र के हैं। ऐसे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।