बिहार चुनाव में बड़ा सियासी मोड़: AAP ने तोड़ा कांग्रेस-राजद से नाता, अकेले लड़ेगी चुनाव !

बिहार विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी भाग्य आजमाने की तैयारी में है। दिल्ली में करीब 10 साल बाद सरकार गंवाने के बाद केजरीवाल बिहार में तेजस्वी यादव से दोस्ती तोड़कर कुछ वोट जुगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गठित विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन की नींव हिलने लगी है। अधिकांश पार्टियां अब अपनी राजनीतिक रणनीति को लेकर स्वतंत्र चुनाव लड़ने पर जोर दे रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने भी इस गठबंधन से दूरी बना ली है।

पद यात्रा के जरिए बिहार में ताकत दिखाएगी AAP

बिहार चुनाव में बड़ा सियासी मोड़: AAP ने तोड़ा कांग्रेस-राजद से नाता, अकेले लड़ेगी चुनाव !
बिहार चुनाव में बड़ा सियासी मोड़: AAP ने तोड़ा कांग्रेस-राजद से नाता, अकेले लड़ेगी चुनाव !

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की ओर से बिहार में पदयात्रा के जरिए राजनीतिक ताकत जुटाने के प्रयास को देखते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने भी इसी रास्ते को चुना है। आम आदमी पार्टी ने बिहार चुनाव से पहले यहां 7 चरणों में पदयात्रा करने की प्लानिंग की है। AAP 31 मई से 3 जून तक बिहार के अलग-अलग जिलों में पदयात्रा करेगी।

पदयात्रा का पहला चरण मुस्लिम बाहुल्य किशनगंज में 2 जून को निकाली जाएगी। कोचाधामन प्रखंड के डेरामारी चौक पर बनाए गए AAP जिला कार्यालय से पदयात्रा शुरू होकर मस्तान चौक होते हुए किशनगंज शहर तक ले जाने का प्लानिंग है। इस पदयात्रा को केजरीवाल जनसंपर्क यात्रा नाम दिया गया है।

अनुराग ढांडा ने किया खुलासा

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अनुराग ढांडा ने इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी किसी गठबंधन में नहीं है। पार्टी के पास अपनी ताकत है और वह उसी के भरोसे आगे बढ़ रही है। इंडिया गठबंधन पर उन्होंने कहा कि वह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था। अब आम आदमी पार्टी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। फिलहाल आप सभी राज्यों में अपना संगठन मजबूत करने पर काम कर रही है।

सभी राज्यों को दो हिस्सों में बांटा

आम आदमी पार्टी ने सभी राज्यों को दो हिस्सों में बांटा है। पहले ग्रुप में वो राज्य हैं, जहां राष्ट्रीय नेतृत्व ज्यादा ध्यान देगा। इन राज्यों में पहले से पार्टी की पकड़ अच्छी है और इसे बेहतर करनी की कोशिश की जा रही है। इनमें पंजाब सबसे अहम है, जहां आप सत्ता में है। इसके अलावा गुजरात, असम, दिल्ली, गोवा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश इस कैटेगरी में शामिल हैं। इन राज्यों में अहम फैसले लेने से लेकर चुनाव प्रचार तक की जिम्मेदारी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे नेता संभालेंगे। वहीं, दूसरी कैटेगरी में वो राज्य हैं, जहां पार्टी की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है। यहां स्थानीय नेतृत्व के पास फैसले लेने की छूट है।

बिहार में सात चरण की यात्रा

बिहार में आम आदमी पार्टी सात चरण की यात्रा निकाल रही है। अनुराग ढांडा ने कहा “आप अपने दम पर बिहार में चुनाव लड़ेगी। हम बूथ स्तर पर पार्टी का संगठन मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं। लोगों से जुड़ने के लिए सात चरण की यात्रा निकाली जा रही है। सीमांचसल क्षेत्र के जरिए हम तीसरे चरण में पहुंच गए हैं। पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।”

बिहार क्यों आ रही है AAP?

इस बात की चर्चा हो रही है कि अरविंद केजरीवाल को बिहार में आकर राजनीति करने की क्या जरूरत आ पड़ी है। जानकार इस सवाल पर कहते हैं कि दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनने के बाद AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है। अब दिल्ली में AAP की सरकार जा चुकी है। ऐसे में AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखने की योग्यता को बनाए रखना मुश्किल हो गया है।

बिहार चुनाव में AAP का सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला कहीं ना कहीं केवल कुछ वोट प्रतिशत हासिल करना है। आप चाहती है कि पंजाब में सरकार तो अभी है ही, इसके अलावा कुछ और राज्यों की विधानसभाओं में उनके कुछ विधायक जीतकर आते हैं तो यह पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रजेंस बनाए रख पाएगी।

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