अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। यह विशेष धार्मिक अनुष्ठान 5 जून को आयोजित किया जाएगा।
अयोध्या में राम दरबार समेत 8 मंदिरों के प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर सोने से जगमगा उठा है। मंदिर के गुंबद पर सोने की परत चढ़ाए जाने से मंदिर की खूबसूरती बढ़ गई है। दूर से ही मंदिर चमकता दिख रहा है। आज से भगवान राजा राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू हो रहा है। 101 वैदिक कर्मकांडी तीनों दिन प्राण प्रतिष्ठा के विभिन्न अनुष्ठान संपन्न कराएंगे। इस पूजा में 1975 मंत्रों के साथ अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी। इसके साथ ही रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और भजनों का पाठ किया जाएगा जो 3 और 4 जून को सुबह साढ़े 6 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक चलेगा।

2 जून को कलश यात्रा, 3 जून से धार्मिक अनुष्ठान आरंभ होंगे.

प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 2 जून को महिलाओं द्वारा भव्य सरयू जल कलश यात्रा निकाली जाएगी. 3और 4 जून को पूजा सुबह 6:30 से रात 9 बजे तक चलेगी. 5 जून को सुबह 5:30 बजे पूजा प्रारंभ होगी और 11 बजे के बाद प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी.
203 फीट ऊंचाई पर दमकेगा रहा राम मंदिर का शिखर
29 अप्रैल को राम मंदिर के शिखर पर 42 फीट ऊंचा धर्म ध्वजदंड स्थापित किया गया, जिससे मंदिर की कुल ऊंचाई 203 फीट हो गई है.
5.5 टन वजनी यह ध्वजदंड पीतल से बना है और इसे 60 कुशल कारीगरों ने 7 महीने में तैयार किया है. इसकी अनुमानित आयु 100 वर्षों तक मानी जा रही है.
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होंगे CM योगी

वहीं 5 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का पूजन होगा। 5 जून को दोपहर 1 बजे भगवान का भोग और आरती होगी। 5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई वीवीआईपी शामिल होंगे। ये संयोग ही है कि 5 जून को ही सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी है।
5 जून को राम मंदिर में विराजित होंगे राजा राम
राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार होगा। इस दरबार में भगवान राम उनके अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता जानकी और सेवक हनुमान होंगे और परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके साथ ही राजा राम के साथ सात उप मंदिरों में भी स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
इसमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैरित्र कोण में देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर अयोध्या ना आएं: चंपत राय
चंपत राय ने कहा केवल वही लोग दर्शन के लिए आएं जिन्हें वास्तव में रामलला के दर्शन करने की आवश्यकता हो। चंपत राय ने यह भी कहा कि फिलहाल मौसम अनुकूल नहीं है और मंदिर निर्माण की कुछ प्रक्रियाएं अब भी जारी हैं, जिससे श्रद्धालुओं को राम दरबार और परकोटे में स्थित मंदिरों के दर्शन करने के लिए कुछ और समय इंतजार करना पड़ेगा। प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द सुनकर अयोध्या की ओर न आएं।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह पुख्ता कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और दर्शन पूरी शांति और सुव्यवस्था के साथ संपन्न हो सकें।