पीएमसीएच में पिटाई, मदद न मिलने से नाराज मनीष कश्यप ने छोड़ी बीजेपी, बोले- अब खुद तय करूंगा रास्ता
यूट्यूबर और जन अधिकार पार्टी से जुड़कर अपनी पहचान बनाने वाले मनीष कश्यप ने अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से दूरी बना ली है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर यह ऐलान किया कि वे बीजेपी छोड़ रहे हैं। इस फैसले के पीछे उन्होंने पार्टी से उपेक्षा और हाल ही की एक घटना को वजह बताया है। कुछ दिनों पहले पटना के पीएमसीएच अस्पताल में मनीष कश्यप के साथ डॉक्टरों द्वारा मारपीट की गई थी। इस घटना के बाद उन्होंने उम्मीद की थी कि बीजेपी उनका साथ देगी, लेकिन पार्टी की ओर से उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला।

इस उपेक्षा से नाराज होकर मनीष ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। वीडियो में उन्होंने जनता से यह भी सवाल किया कि वे अगला चुनाव कहां से लड़ें। सोशल मीडिया पर उन्होंने पूछा—“क्या मुझे मधेपुरा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर या किसी और सीट से चुनाव लड़ना चाहिए?” मनीष कश्यप का यह कदम बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, खासकर युवा वर्ग में जिनके बीच उनकी बड़ी फॉलोइंग है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मनीष कश्यप अगला राजनीतिक कदम किस दिशा में उठाते हैं।
मनीष कश्यप कौन हैं?

मनीष कश्यप ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। नामांकन पत्र में मनीष ने अपना नाम ‘त्रिपुरारी कुमार तिवारी’ लिखा था, जो उनका आधिकारिक नाम है। उन्होंने 2016 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
मनीष कश्यप उस समय चर्चा में आए जब उन्हें एक वीडियो अपलोड करने के लिए गिरफ़्तार किया गया जिसमें बिहार के प्रवासी मज़दूरों को तमिलनाडु में परेशान किया जा रहा था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की जांच की मांग की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में प्रवासी श्रमिकों के उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने नीतीश कुमार को आश्वस्त किया कि बिहार के श्रमिकों को निशाना नहीं बनाया जा रहा है।
उस समय तमिलनाडु के पुलिस उपमहानिदेशक (डीजीपी) शैलेंद्र बाबू ने कहा, “बिहार में किसी ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमला किए जाने के बारे में एक झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है। घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित दो वीडियो झूठे हैं। वीडियो के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है ताकि ऐसा लगे कि तमिलनाडु में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है।”
बाद में, मद्रास उच्च न्यायालय ने बिहार स्थित यूट्यूबर मनीष कश्यप को जमानत दे दी, जिन्हें मार्च में तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमला होने के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ।
मनीष कश्यप ने इस्तीफे की बतायी वजह…
यूट्यूबर ने कहा कि ‘मैं अब भाजपा में नहीं हूं, इसकी घोषणा करता हूं.’ मनीष कश्यप ने कहा कि वो चनपटिया में लोगों के बीच जाकर बातचीत करके ये फैसला किया कि अब बिहारियों, मजदूरों और पलायन को रोकने के लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी में रहकर वो इन सब मुद्दों को मजबूती से नहीं उठा सकेंगे, इसलिए ऐसा फैसला लिया.
भाजपा पर भी साधा निशाना
मनीष कश्यप ने कहा कि यहां रहने( भाजपा) का मतलब यह है कि उन भ्रष्टाचार पर पर्दा डालिए जो आपकी आंखों के सामने आपके ही लोगों के साथ हो रहा है. मनीष कश्यप ने कहा कि मुझे इस फैसले के लिए मजबूर किया गया. मनीष कश्यप ने कहा कि मैनें सोचा था इन लोगों के साथ रहकर मैं लोगों की मदद और मजबूती से कर सकूंगा, ऐसा सोचा था. लेकिन मैं अपनी ही मदद नहीं कर सका. उन्होंने कहा कि वो स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ आवाज उठाएंगे. लोगों से यह भी राय मांगी कि वो चुनाव कहां से लड़ें, किस पार्टी से लड़ें या अकेले लड़ना चाहिए.
पहले भी लड़ चुके हैं चुनाव
मनीष कश्यप इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मनीष को विधानसभा चुनाव में हार मिली थी। भूमिहार समुदाय से आने वाले मनीष राजद और अन्य पार्टियों पर हमेशा से निशाना साधते रहे हैं। हालांकि, वह पीएम मोदी के बड़े फैन हैं और अक्सर उनकी नीतियों का समर्थन करते रहे हैं। बीजेपी में शामिल होने पर भी उन्होंने कहा था कि वह पीएम के मार्गदर्शन में काम करना चाहते हैं। हालांकि, वह पार्टी में लंबे समय तक नहीं रह पाए।
भाजपा नेताओं को निशाने पर लिया

बिहार भाजपा में अपने शुभचिंतकों को धन्यवाद देते हुए मनीष कश्यप ने कहा कि मनोज तिवारी भी मेरे बड़े भाई हैं और आगे भी रहेंगे. संजय जायसवाल को भी भैया कहकर उन्होंने कहा कि सवाल पूछूंगा लेकिन मर्यादा में रहकर पूछूंगा. दोनों के लिए मनीष कश्यप ने कहा कि मुझे सबक सिखाने के लिए दोनों का धन्यवाद.पिछली जन्म में की गयी गलती की सजा शायद मुझे मिली है. उन्होंने कहा कि दिल में एक दर्द, गुस्सा और क्रोध जरूर है लेकिन इसे कंट्रोल करते हुए मर्यादा में रहूंगा. कहा कि भाजपा में जाने के बाद मुझपर काफी हमले हुए.
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