I.N.D.I.A. गठबंधन की एकजुट हुंकार: मानसून सत्र के लिए फुल प्लान तैयार !

सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले विपक्ष में शामिल 24 राजनीतिक दलों ने आज ऑनलाइन बैठक की और बैठक में किन मुद्दों को लेकर सरकार को सदन में घेरा जाएगा, इसकी विस्तृत चर्चा की गई।

संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों के सबसे बड़े मंच I.N.D.I.A. (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की अहम बैठक राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई। इस बैठक में 24 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया और एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए आगामी सत्र के लिए साझा रणनीति पर मुहर लगाई। यह बैठक संसद में सरकार को घेरने की तैयारी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

I.N.D.I.A. गठबंधन की एकजुट हुंकार: मानसून सत्र के लिए फुल प्लान तैयार !
I.N.D.I.A. गठबंधन की एकजुट हुंकार: मानसून सत्र के लिए फुल प्लान तैयार !

कौन-कौन सी पार्टियां रहीं शामिल?

कौन-कौन सी पार्टियां रहीं शामिल?
कौन-कौन सी पार्टियां रहीं शामिल?

इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रमुक (DMK), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), समाजवादी पार्टी (SP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), वाम दल, मुस्लिम लीग, पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी, वीसीके, आरएमडी, आरएलडी, जेडीएस, और अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों ने भाग लिया।

क्या रही बैठक की रूपरेखा?

बैठक की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि “देश में लोकतंत्र, संवैधानिक संस्थाओं और नागरिक अधिकारों पर संकट गहराता जा रहा है। इस सत्र में हमें जनता की आवाज को संसद के भीतर मजबूती से उठाना है।”

बैठक में सभी दलों ने सहमति से यह तय किया कि I.N.D.I.A. गठबंधन इस बार साझा मुद्दों को लेकर संसद में सरकार से दो-दो हाथ करेगा, और किसी भी हाल में संसद को सरकार के अनुसार चलने नहीं दिया जाएगा।

ये होंगे प्रमुख मुद्दे, जो गूंजेंगे संसद में

  1. मणिपुर हिंसा: मणिपुर में महीनों से जारी जातीय हिंसा और महिला उत्पीड़न के मुद्दे को लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन सरकार से जवाबदेही की मांग करेगा। विपक्ष पीएम मोदी से संसद में बयान की मांग कर रहा है।
  2. महंगाई और बेरोजगारी: बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दाम, रसोई गैस, और बेरोजगारी के आंकड़ों को प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा।
  3. लोकतंत्र पर खतरा: विपक्षी नेताओं पर हो रही ईडी, सीबीआई और आईटी की कार्रवाइयों को राजनीतिक बदले की भावना बताया जाएगा।
  4. दिल्ली सेवा बिल: आम आदमी पार्टी और अन्य दल इस बिल को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए संसद में इसका जोरदार विरोध करेंगे।
  5. चुनावी बांड और पारदर्शिता का मुद्दा: चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता की कमी, और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए जाएंगे।
  6. संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की स्वायत्तता को लेकर विपक्ष चिंता जताएगा।
  7. पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार: सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर भी कई दलों ने मुद्दे उठाने की घोषणा की।

एकजुटता का प्रदर्शन और रणनीति

बैठक में तय हुआ कि सत्र की शुरुआत से लेकर अंत तक सभी दल एक सुर में बोलेंगे, संसद के भीतर और बाहर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी, और सरकार के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए एक समन्वय समिति भी गठित की गई है, जो सत्र के दौरान दैनिक रणनीति तय करेगी।

सरकार को मिलेगा कड़ा मुकाबला

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद यह पहला बड़ा सत्र है, जिसमें विपक्ष पहली बार इतने व्यापक स्वरूप में एकजुट दिखाई दे रहा है। ऐसे में सरकार के लिए विधेयकों को पारित कराना और बहस को नियंत्रित करना आसान नहीं होगा।

निष्कर्ष

I.N.D.I.A. गठबंधन की यह बैठक यह संकेत देने में सफल रही कि विपक्ष अब बिखरा हुआ नहीं बल्कि संगठित होकर एक वैकल्पिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। मानसून सत्र का एजेंडा तैयार है और सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति बना ली गई है। अब देखने वाली बात होगी कि संसद का यह सत्र कितना गरम और कितना निर्णायक साबित होता है।

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