हरि हर वीरा मल्लू- पार्ट 1 रिव्यू !

हरि हर वीरा मल्लू: पार्ट 1- स्वॉर्ड वर्सेज स्पिरिट’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म की कहानी और कलाकारों का काम कैसा है, जाननें के लिए नीचे स्क्रोल करें।

तेलुगु सिनेमा के पावर स्टार पवन कल्याण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘हरि हर वीरा मल्लू – पार्ट 1’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। निर्देशक कृष जगर्लामुड़ी द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो 17वीं सदी के भारत में मुगलों और मराठाओं के कालखंड पर आधारित है। भव्य सेट्स, एक्शन, भावनाओं और राजनीति से भरपूर इस फिल्म ने दर्शकों के बीच एक बार फिर ऐतिहासिक फिल्मों की लहर जगा दी है। आइए, विस्तार से जानते हैं इस फिल्म का रिव्यू।

हरि हर वीरा मल्लू- पार्ट 1 रिव्यू !
हरि हर वीरा मल्लू- पार्ट 1 रिव्यू !

कहानी का सार:

कहानी का सार:
कहानी का सार:

फिल्म की कहानी एक साहसी योद्धा वीरा मल्लू (पवन कल्याण) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मुगलों के शासनकाल में अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ता है। वीरा मल्लू एक आम आदमी से विद्रोही बनता है और धीरे-धीरे लोगों की उम्मीद और हिम्मत का प्रतीक बन जाता है। कहानी में मुगलों का शासन, उनके अत्याचार और सत्ता के लिए लड़ाई, सबकुछ दिखाया गया है।

निज़ाम की सत्ता और उसके अत्याचारों से ग्रस्त जनता को मुक्ति दिलाने के लिए वीरा मल्लू कई बाधाओं को पार करता है, और अंत में एक निर्णायक युद्ध की ओर बढ़ता है। फिल्म का अंत दूसरे भाग की ओर इशारा करता है, जो आगे की कहानी के लिए दर्शकों को बांधे रखता है।


अभिनय और पात्र:

  • पवन कल्याण एक बार फिर दमदार अवतार में हैं। उनका करिश्मा, संवाद अदायगी और एक्शन सीक्वेंस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।
  • निधि अग्रवाल ने वीरा मल्लू की प्रेमिका की भूमिका निभाई है। उनका अभिनय संतुलित और सौम्य है, लेकिन स्क्रीन स्पेस थोड़ा सीमित है।
  • अर्जुन रामपाल और नरगिस फाखरी ने क्रमशः औरंगजेब और रोशनआरा की भूमिका निभाई है। अर्जुन का लुक और अभिनय प्रभावशाली है, लेकिन कहीं-कहीं स्क्रिप्ट उन्हें सीमित करती है।

निर्देशन और तकनीकी पक्ष:

कृष जगर्लामुड़ी का निर्देशन भव्यता और विस्तार में नजर आता है। युद्ध दृश्य, ऐतिहासिक सेट्स, और भावनात्मक दृश्यों की प्रस्तुति में उन्होंने माहिर निर्देशन का परिचय दिया है। हालांकि फिल्म की गति कहीं-कहीं धीमी हो जाती है, लेकिन कुल मिलाकर निर्देशन संतोषजनक है।

  • सिनेमैटोग्राफी (ग्नान शेखर) शानदार है। राजसी महलों, युद्धभूमियों और जंगलों के दृश्य लुभावने हैं।
  • संगीत (एमएम कीरवानी) फिल्म की आत्मा है। बैकग्राउंड स्कोर और गीत भावनाओं को उभारते हैं और कथा को मजबूती प्रदान करते हैं।
  • वीएफएक्स और प्रोडक्शन डिज़ाइन फिल्म को एक ग्रैंड विजुअल एक्सपीरियंस बनाते हैं। हालांकि कुछ जगहों पर वीएफएक्स थोड़े असंतुलित लगते हैं।

कमज़ोरियां:

  • फिल्म की स्क्रिप्ट में कुछ ढिलाई है, खासकर दूसरे हाफ में। घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
  • कुछ डायलॉग्स में गहराई की कमी है, जो एक ऐतिहासिक फिल्म में जरूरी होती है।
  • प्रेम कहानी वाला ट्रैक ठीक से विकसित नहीं हो पाया।

क्या देखना चाहिए?

अगर आप पवन कल्याण के फैन हैं, या भव्य ऐतिहासिक फिल्मों के शौकीन हैं तो ‘हरि हर वीरा मल्लू – पार्ट 1’ आपको जरूर देखनी चाहिए। फिल्म एक विजुअल ट्रीट है, जिसमें एक्शन, इतिहास और देशभक्ति का मेल है। हालांकि यह फिल्म सभी को पसंद आए, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि यह पवन कल्याण के करियर की एक यादगार पेशकश है।


रेटिंग: 3.5/5

(भव्यता के लिए +1, पवन कल्याण के लिए +1, कमजोर लेखन के कारण -0.5)

निष्कर्ष: ‘हरि हर वीरा मल्लू’ का पहला भाग एक अच्छी शुरुआत है। अगर दूसरा भाग इससे भी मजबूत निकला, तो यह फ्रेंचाइज़ी इतिहास रच सकती है।

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