अब कुर्सी खिसकती दिख रही है” – सत्ता पक्ष पर भड़के तेजस्वी !

तेजस्वी ने कहा कि इनके पास कोई जवाब नहीं था। यह लोग चाहते थे उत्पात मचाना। पहली बार ऐसा देखा गया कि सत्ता पक्ष ही कूद रहा है, हल्ला हंगामा कर रहा है। विपक्ष का काम है सवाल पूछना, आपका काम है जवाब देना।

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को उस समय गरमा गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “अब लग रहा है कि कुर्सी खिसक रही है, तभी इतनी बेचैनी है।” उन्होंने अपने भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों पर बार-बार व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप भी लगाया।

तेजस्वी का यह बयान न केवल विधानसभा में गूंजा, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाओं का विषय बन गया। एक ओर जहां उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी को भी निशाने पर लिया।

अब कुर्सी खिसकती दिख रही है" – सत्ता पक्ष पर भड़के तेजस्वी !
अब कुर्सी खिसकती दिख रही है” – सत्ता पक्ष पर भड़के तेजस्वी !

तेजस्वी का तीखा वार

नेता प्रतिपक्ष ने अपने भाषण की शुरुआत में ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,
“विकास के दावे सिर्फ कागजों पर हैं। ज़मीनी हकीकत कुछ और है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, किसानों की हालत खराब है और शिक्षा व्यवस्था बदहाल है।”

तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत करते हुए कहा कि जब वे कोई तथ्य या सवाल सामने रख रहे होते हैं, तो सत्ता पक्ष के सदस्य शोर मचाकर उनका ध्यान भटकाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के इस व्यवधान का एक ही कारण है — “उन्हें डर लग रहा है कि जनता के सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए हम बोलें ही नहीं।”


कुर्सी खिसकने का बयान बना केंद्र बिंदु

कुर्सी खिसकने का बयान बना केंद्र बिंदु
कुर्सी खिसकने का बयान बना केंद्र बिंदु

तेजस्वी यादव ने जब कहा,
“अब समझ में आ रहा है कि कुर्सी खिसक रही है, इसलिए इतनी घबराहट है,”
तो सदन में कुछ पल के लिए सन्नाटा छा गया। सत्ता पक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं भी आईं, लेकिन तेजस्वी अपने बयान पर अडिग रहे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर इशारा था, जो हाल ही में एक बार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन में लौटे हैं। महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद यह पहला सत्र है जब तेजस्वी विपक्ष में बैठकर सरकार को घेर रहे हैं।


सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया

तेजस्वी के बयान पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने नाराजगी जाहिर की। भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव ने कहा कि
“तेजस्वी यादव मुद्दों से भटकाने की राजनीति करते हैं। उनके पास ठोस तथ्य नहीं होते, इसलिए वे केवल आरोप लगाकर सनसनी फैलाना चाहते हैं।”

वहीं, जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तेजस्वी को चाहिए कि वे तथ्यों के साथ बहस करें, न कि मंच का दुरुपयोग करें। सत्ता पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निजी टिप्पणियां करना विपक्ष की रणनीति बन चुकी है।


विधानसभा अध्यक्ष की अपील

सदन में लगातार बढ़ते शोरगुल को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से अपील की कि
“सदन की गरिमा बनाए रखें। कोई भी सदस्य जब बोल रहा हो, तो उसे पूरा अवसर दिया जाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष, दोनों को संयम और मर्यादा में रहकर संवाद करना चाहिए।


जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

तेजस्वी यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ट्विटर पर #TejashwiYadav और #BiharAssembly ट्रेंड करने लगे। उनके समर्थकों ने इसे “जनता की आवाज़” बताया, जबकि विरोधियों ने इसे “नाटक और नौटंकी” करार दिया।


निष्कर्ष

बिहार विधानसभा का यह सत्र भले ही नीतिगत चर्चाओं के लिए बुलाया गया हो, लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव इसकी पहचान बनता जा रहा है। तेजस्वी यादव के तीखे तेवर और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रियाएं इस बात का संकेत हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार हो रही है।

“कुर्सी खिसकने” वाला बयान अब केवल सदन तक सीमित नहीं रहा, यह आने वाले दिनों में बिहार की सियासत की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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