यूपी में बिजली कटौती पर सीएम योगी सख्त – लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई !

सीएम योगी ने अधिकारियों को बिजली कटौती की समस्या को दूर करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है, सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है।

उत्तर प्रदेश में बढ़ती बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। हाल के दिनों में कई जिलों से लगातार बिजली संकट और अनियमित आपूर्ति की शिकायतें मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जनता को किसी भी हाल में निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलनी चाहिए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

यूपी में बिजली कटौती पर सीएम योगी सख्त – लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई !
यूपी में बिजली कटौती पर सीएम योगी सख्त – लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई !

बिजली कटौती से बढ़ी लोगों की परेशानी

बिजली कटौती से बढ़ी लोगों की परेशानी
बिजली कटौती से बढ़ी लोगों की परेशानी

पिछले कुछ हफ्तों से उत्तर प्रदेश के कई जिलों—जैसे कि प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, और वाराणसी—से बिजली की अनियमित आपूर्ति और घंटों की कटौती की शिकायतें आ रही थीं। इन शिकायतों में खासकर ग्रामीण इलाकों में ट्रिपिंग, कम वोल्टेज और बिना सूचना के कटौती की समस्याएं सामने आईं।

गर्मी के इस मौसम में बिजली की इस अनियमितता से आम जनता, विशेषकर छात्र, किसान, और व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया और जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों की बाढ़ आने के बाद सरकार हरकत में आई।

मुख्यमंत्री का निर्देश: “24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें”

सीएम योगी ने ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, पावर कॉर्पोरेशन, डिस्कॉम्स और ट्रांसमिशन कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक करते हुए कहा:

“प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का हमारा वादा है, और इसे हर हाल में निभाया जाएगा। चाहे तकनीकी खामी हो या मानवीय लापरवाही, अब कोई बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम और विद्युत वितरण अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की निगरानी करें और यदि कहीं भी अनियमितता पाई जाती है, तो त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।

दोषियों पर कार्रवाई की चेतावनी

सीएम योगी ने साफ कहा कि लापरवाह अधिकारियों की पहचान कर उन्हें निलंबित किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो विभागीय जांच भी करवाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि “सरकार जनता की सुविधा के लिए है, ना कि अधिकारियों की लापरवाही ढकने के लिए।”

उन्होंने ऊर्जा मंत्री से भी रिपोर्ट तलब की और कहा कि प्रत्येक जिले से बिजली आपूर्ति की साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजी जाए।

वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर भी जोर

बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे सोलर प्लांट्स और हाइब्रिड ग्रिड पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को “ऊर्जा आत्मनिर्भर” बनाना है, और इसके लिए तेजी से कार्य करना होगा।

जनता से संवाद की पहल

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे जनता के साथ संवाद बढ़ाएं, शिकायत निस्तारण की प्रक्रिया को तेज करें और ट्रांसफॉर्मर खराब होने या लाइन फॉल्ट जैसी समस्याओं को शीघ्र ठीक करें। उन्होंने ‘1912’ हेल्पलाइन नंबर की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की और उसे और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रुख यह स्पष्ट करता है कि उनकी सरकार बुनियादी सेवाओं में किसी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं करेगी। मुख्यमंत्री की तत्परता और सक्रियता से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति सुधरेगी और जनता को राहत मिलेगी।

यह कदम न सिर्फ प्रशासन को चेतावनी है, बल्कि प्रदेशवासियों को यह विश्वास भी देता है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और समाधान के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है।

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