‘दलितों की चिंता सिर्फ दिखावा है’ – मायावती का राहुल गांधी पर तीखा हमला !

बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी की चिंता दलितों के प्रति स्वार्थ से प्रेरित है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा हमला करते हुए कहा कि उनकी दलितों के प्रति दिखाई जाने वाली चिंता सिर्फ दिखावा और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता सिर्फ चुनावों के समय दलितों की बातें करते हैं, जबकि हकीकत में उनके हितों की अनदेखी की जाती है।

मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राहुल गांधी हाल ही में दलित समाज से जुड़े मुद्दों को लेकर विभिन्न मंचों पर मुखर दिखाई दिए हैं। उन्होंने दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के साथ-साथ कुछ विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया था। इसी पृष्ठभूमि में मायावती ने राहुल गांधी की नीयत और दलितों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए।

'दलितों की चिंता सिर्फ दिखावा है' – मायावती का राहुल गांधी पर तीखा हमला !
‘दलितों की चिंता सिर्फ दिखावा है’ – मायावती का राहुल गांधी पर तीखा हमला !

मायावती ने कहा – “दलितों की सच्ची हितैषी सिर्फ बसपा”

मायावती ने कहा – "दलितों की सच्ची हितैषी सिर्फ बसपा"
मायावती ने कहा – “दलितों की सच्ची हितैषी सिर्फ बसपा”

लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा:

“राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का इतिहास गवाह है कि उन्होंने दलितों को सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है। आज जब उनकी पार्टी ज़मीन पर कमजोर हो चुकी है, तब उन्हें दलितों की याद आ रही है। यह सिर्फ और सिर्फ एक दिखावटी चिंता है।”

मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में सबसे ज्यादा दलितों के साथ अन्याय हुआ। उन्होंने दावा किया कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों को असल मायनों में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक ताकत दी है।

“दलितों की राजनीति को कमजोर करना चाहती है कांग्रेस”

बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी दलित नेतृत्व को कमजोर करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि दलित समाज का नेतृत्व किसी और के हाथों में चला जाए, जिससे उनका वोटबैंक बिखर जाए और कांग्रेस को फायदा मिल सके।

“राहुल गांधी दलितों से हमदर्दी जताने के नाम पर जो राजनीति कर रहे हैं, वह सच्चे दलित नेतृत्व को मिटाने की साजिश है। कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि दलितों को स्वतंत्र राजनीतिक पहचान मिले।”

विपक्षी एकता पर भी उठाए सवाल

मायावती ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे गठबंधन सिर्फ सत्ता की लालसा से बनते हैं, इनमें न तो विचारों की स्पष्टता होती है और न ही सामाजिक न्याय की ईमानदार प्रतिबद्धता। उन्होंने कहा कि बसपा किसी ऐसे गठबंधन का हिस्सा नहीं बन सकती जो केवल दिखावे की राजनीति करता हो।

राहुल गांधी की हालिया गतिविधियों पर निशाना

राहुल गांधी ने बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में दलितों से मुलाकात की, उनके घर खाना खाया और कई घटनाओं पर सार्वजनिक बयान भी दिए। मायावती ने इन गतिविधियों को “नाटक” करार देते हुए कहा कि यह सब कुछ सिर्फ मीडिया कवरेज पाने और दलित समाज को भ्रमित करने के लिए किया जा रहा है।

“दलितों के घर जाकर खाना खाने से उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आता। बदलाव लाने के लिए ईमानदारी, नीति और काम की जरूरत होती है – सिर्फ फोटो खिंचवाने से दलितों का भला नहीं होता।”

निष्कर्ष

मायावती का यह तीखा हमला न केवल कांग्रेस और राहुल गांधी की दलितों को लेकर राजनीति पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि आने वाले चुनावों से पहले दलित वोटबैंक को लेकर बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को भी उजागर करता है। बसपा प्रमुख ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और दलित समाज को भ्रमित करने की किसी भी कोशिश का मजबूती से विरोध करेगी।

इस बयान के साथ ही एक बार फिर दलित राजनीति के मुद्दे पर कांग्रेस और बसपा के बीच टकराव सामने आ गया है, जो आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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