तेज प्रताप यादव RJD के खिलाफ अटैकिंग मोड में आ गए हैं और उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके पूछा है कि क्या पार्टी विधायक भाई वीरेंद्र पर भी कार्रवाई करेगी? बता दें कि आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें विधायक, सचिव को धमकाते हुए दिख रहे थे।
RJD के पूर्व विधायक और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है—क्या RJD अपनी कथित सदस्य विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ भी इतनी ही सख्ती से कार्रवाई करेगी, जितनी दूसरे विवादों में की जाती है? उन्होंने सोशल मीडिया पर एक व्यंग्यात्मक कार्टून साझा कर यह आरोप लगाया कि पार्टी का न्यायिक रवैया पक्ष-पात पूर्ण है। यह बयान इस तरह सामने आया है:

“क्या पार्टी वही कार्रवाई करेगी जैसे दूसरों ने किया?”
विधायक भाई वीरेंद्र विवाद की विवेचना

- बिहार के पटना जिले में खबर आई है कि RJD विधायक भाई वीरेंद्र पर अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) अधिनियम के तहत एक पंचायत सचिव द्वारा केस दर्ज कराया गया है। सचिव ने शिकायत की है कि विधायक ने उन्हे धमकाया और अपमानित किया।
- इस मामले में पंचायत सचिव को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है, जिसमें 24 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है
तेज प्रताप यादव के निशानाबाज बयान ऐसे समय में आए हैं जब RJD नेतृत्व की आंतरिक निष्पक्षता और जवाबदेही को लेकर सार्वजनिक आलोचना तेज हुई है।
तेज प्रताप की सियासी प्रतिक्रिया
- उन्होंने RJD राज्य अध्यक्ष के आलोचनात्मक बयान को “शर्मनाक और अपमानजनक” करार दिया, यह कहते हुए कि वे पार्टी के उन नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं जो तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं।
- तेज प्रताप ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में “हेलीकॉप्टर पॉलिटिक्स” फैल चुकी है, जबकि उनकी अपनी राजनीतिक पद्धति ज़मीनी और सिद्धांतवादी रही है
क्या यह RJD में एक अंदरूनी चेतावनी है?
तेज प्रताप का सवाल—क्या पार्टी विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ वैसी कार्रवाई करेगी?—यह संकेत देता है कि पार्टी के भीतर मानवाधिकार, व्यवस्था और अनुशासन पर कोई प्रभावशाली रवैया नहीं अपनाया गया।
उन्होंने अपने सवाल के माध्यम से यह संदेश भी दिया कि RJD में निष्पक्षता की हवा नहीं है और यह आंतरिक असंतोष का स्पष्ट संकेत है।
व्यापक राजनीतिक प्रभाव
- इस विवाद के बीच तेज प्रताप ने RJD में किंगमेकर बनने की रणनीति भी जता दी है, उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव ‘आर या पार’ वाला संघर्ष होगा, जिसमें वह निर्णायक भूमिका निभाना चाहते हैं।
- उनकी इस तीखी प्रतिक्रिया ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं: क्या RJD नेतृत्व इस प्रकार की चीजों पर खुली जांच और कार्रवाई करेगा, चाहे वह किसी भी नेता का मामला हो?
निष्कर्ष
- तेज प्रताप यादव ने RJD पर गंभीर आरोप लगाए हैं—पहले उनके अपने निष्कासन पर और अब विधायक भाई वीरेंद्र के SC-ST अधिनियम के मामले में पार्टी की कथित चुप्पी पर।
- यह बयान पार्टी की आंतरिक संगठनात्मक नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है और दर्शाता है कि तेज प्रताप, RJD नेतृत्व से जनता और कार्यकर्ताओं के लिए बराबरी का आचरण अपेक्षित कर रहे हैं।
- आगामी दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण हो जाएगा कि RJD इस मामले पर क्या कदम उठाती है: क्या वे निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई करेंगे, या फिर इसे अंदरूनी सियासी विवाद के ही रूप में दबाने की कोशिश करेंगे?
समय बताएगा—क्या यह सवाल RJD नेतृत्व पर दबाव बनाएगा, या तेज प्रताप की मांगें अनसुनी रह जाएंगी?