सास-बहू की वापसी में फिर चमके तुलसी-मिहिर !

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ रीबूट की वापसी ने पहले एपिसोड से ही धूम मचा दी है। तुलसी और मिहिर के रूप में स्मृति ईरानी और अमर उपाध्याय ने अपने कमबैक से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया है।

भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अगर किसी शो ने घर-घर में पहचान बनाई है, तो वह है ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’। एक लंबे अंतराल के बाद इस शो के सीक्वल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ की वापसी ने दर्शकों को एक बार फिर टीवी स्क्रीन से जोड़ दिया है। शो के पहले एपिसोड ने ही ऐसा असर डाला कि सोशल मीडिया से लेकर दर्शकों की जुबान तक बस एक ही चर्चा है—तुलसी और मिहिर की वापसी

सास-बहू की वापसी में फिर चमके तुलसी-मिहिर !
सास-बहू की वापसी में फिर चमके तुलसी-मिहिर !

पहले एपिसोड ने बांधा दिल

पहले एपिसोड ने बांधा दिल
पहले एपिसोड ने बांधा दिल

शो के पहले एपिसोड का प्रसारण होते ही नॉस्टेल्जिया की लहर दौड़ गई। 2000 के दशक की शुरुआत में जिस शो ने भारतीय पारिवारिक धारावाहिकों की परिभाषा बदली थी, उसका दूसरा संस्करण उतना ही भावनात्मक और प्रभावशाली साबित हो रहा है। पहले एपिसोड में स्मृति ईरानी (तुलसी) और अमर उपाध्याय (मिहिर) की वापसी ने दर्शकों को भावुक कर दिया।

नई कहानी, पुराना जादू

‘क्योंकि 2’ की कहानी एक नए युग और पीढ़ी की पृष्ठभूमि में बुनी गई है, लेकिन इसमें पुराने किरदारों और रिश्तों की गरिमा को जस का तस रखा गया है। तुलसी अब एक वरिष्ठ परिवार सदस्य के रूप में नजर आ रही हैं, जो आज भी अपने सिद्धांतों और पारिवारिक मूल्यों के लिए जानी जाती हैं। मिहिर की भूमिका में अमर उपाध्याय पहले से अधिक परिपक्व नजर आए।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

पहले एपिसोड के प्रसारण के बाद ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर शो को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। #TulsiReturns और #Kyunki2 ट्रेंड करने लगे। दर्शकों ने शो के संवाद, पृष्ठभूमि संगीत और पारिवारिक भावनाओं की जमकर सराहना की।

एक यूज़र ने ट्वीट किया, “20 साल बाद भी तुलसी वही हैं – सशक्त, संवेदनशील और प्रेरणादायक। स्मृति ईरानी को देख कर पुरानी यादें ताजा हो गईं।”
वहीं, एक अन्य यूज़र ने लिखा, “मिहिर की एंट्री होते ही आंखें नम हो गईं। अमर उपाध्याय ने कमाल कर दिया।”

निर्माताओं की सोच

शो की निर्माता एकता कपूर ने कहा कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ को बनाना उनके लिए भावनात्मक निर्णय था। उन्होंने कहा, “ये शो केवल एक धारावाहिक नहीं, एक भावना है। मैंने खुद इसे देखकर बहुत कुछ सीखा है और आज की पीढ़ी को भी उस मूल भावना से जोड़ना मेरा लक्ष्य है।”

पुरानी और नई पीढ़ी का संगम

शो में जहां पुराने किरदारों ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने का काम किया है, वहीं नई पीढ़ी के कलाकारों ने भी अपनी दमदार एक्टिंग से प्रभावित किया है। तुलसी के पोते-पोती, नई बहुएं और आधुनिक सोच वाले युवा इस शो को नए जमाने की पारिवारिक कहानी बना रहे हैं।

दर्शकों की उम्मीदें

पहले ही एपिसोड के बाद शो को जिस प्रकार की लोकप्रियता मिल रही है, उससे साफ है कि यह सीक्वल भी पहले की तरह दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहेगा। दर्शकों को उम्मीद है कि यह शो फिर से उस दौर की याद दिलाएगा, जब पूरा परिवार एक साथ बैठकर एक ही धारावाहिक देखा करता था।

निष्कर्ष

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ के पहले एपिसोड ने साबित कर दिया कि कुछ कहानियां कभी पुरानी नहीं होतीं, बस उन्हें नए सांचे में ढालने की जरूरत होती है। तुलसी और मिहिर की वापसी केवल एक किरदारों की वापसी नहीं है, बल्कि भावनाओं, यादों और पारिवारिक मूल्यों की वापसी है। शो की शानदार शुरुआत ने दर्शकों का दिल जीत लिया है और आने वाले एपिसोड्स से उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।

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