मौलाना साजिद रशीदी द्वारा हाल ही में एक मस्जिद में डिंपल यादव के पहनावे पर की गई विवादास्पद टिप्पणी और इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं की ‘चुप्पी’ के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया।
सपा सांसद डिंपल यादव पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। इस टिप्पणी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी की महिला समर्थक और महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश के लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिला समर्थकों ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक मौलवी की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में तिरंगा, भगवा झंडे, तख्तियां और बेलन लेकर शुक्रवार को मार्च निकाला। गुस्से में भरी भाजपा महिला कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर मार्च निकाला और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।


मामला क्या है?
पूरा विवाद एक वायरल वीडियो से शुरू हुआ, जिसमें एक नेता द्वारा डिंपल यादव के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद इस बयान की आलोचना शुरू हो गई। हालांकि आरोपी पक्ष का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, लेकिन भाजपा महिला मोर्चा इसे महिला गरिमा पर हमला मान रहा है।
BJP महिला मोर्चा का सशक्त विरोध
भाजपा की महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध मार्च निकालते हुए दोषियों की गिरफ्तारी और सार्वजनिक माफी की मांग की। यह मार्च शहर के मुख्य चौराहे से होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचा, जहां महिला कार्यकर्ताओं ने नारेबाज़ी की और एक ज्ञापन भी सौंपा।
प्रमुख नारों में शामिल थे:
- “महिलाओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान!”
- “डिंपल बहन के सम्मान में, BJP मैदान में!”
- “आपत्तिजनक भाषा पर रोक लगाओ!”
भाजपा महिला नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रीता वर्मा ने कहा,
“डिंपल यादव किसी भी राजनीतिक दल से हों, पहले एक महिला हैं। उन पर की गई ऐसी घिनौनी टिप्पणी निंदनीय है और हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे। हम किसी भी महिला के खिलाफ असभ्य भाषा का समर्थन नहीं कर सकते, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ी हों।”
पूर्व मेयर सविता शर्मा ने भी कहा,
“राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मर्यादा नहीं टूटनी चाहिए। महिला नेताओं को अपशब्द कहना भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र दोनों के खिलाफ है।”
सपा का पक्ष
सपा की ओर से अभी तक इस मामले पर आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि उक्त बयान किसी पार्टी प्रवक्ता का नहीं था, बल्कि वह व्यक्ति पार्टी से जुड़ा ही नहीं है। वहीं, कुछ सपा नेताओं ने इसे भाजपा की “राजनीतिक नौटंकी” बताया है।
प्रशासन सतर्क
जिलाधिकारी कार्यालय में भाजपा महिला मोर्चा की ओर से ज्ञापन सौंपे जाने के बाद प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है और यदि टिप्पणी आपत्तिजनक पाई गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
डिंपल यादव पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीति में महिलाओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार को लेकर कोई आचार संहिता बननी चाहिए? भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं का सड़कों पर उतरना यह दर्शाता है कि अब किसी भी महिला के सम्मान पर आंच नहीं आने दी जाएगी, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से क्यों न जुड़ी हो।
इस पूरे प्रकरण से साफ है कि अब राजनीतिक बयानबाजी में भाषा की मर्यादा और महिला सम्मान जैसे मुद्दों पर सख्ती बरतने की जरूरत है। अन्यथा यह घटनाएं लोकतंत्र के मूल्यों को कमजोर करने का काम करेंगी।
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