बिहार में नीतीश सरकार ने राज्य के लोगों को बिजली के बिल में बड़ी राहत दी है। 1.67 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल से राहत दी गई है। जानिए राज्य में किस उपभोक्ता को बिजली बिल से कितनी छूट मिली है।
बिहार सरकार ने राज्यवासियों को एक बड़ा तोहफा देते हुए बिजली पर सब्सिडी की घोषणा की है, जिससे करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत मिलने वाली है। इस नई नीति के तहत आम घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर कृषि और गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों तक को बिजली बिल में बड़ी छूट दी गई है। यह कदम महंगाई से जूझ रहे आम नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है।

किसे कितना फायदा?
बिहार सरकार की नई बिजली सब्सिडी नीति के तहत अलग-अलग श्रेणियों के उपभोक्ताओं को छूट दी जा रही है। इस स्कीम का फायदा विशेष रूप से घरेलू उपभोक्ताओं, BPL कार्डधारकों, अनुसूचित जाति/जनजाति और कृषि उपभोक्ताओं को मिलेगा।

🔹 घरेलू उपभोक्ता:
सरकार ने प्रति माह 100 यूनिट तक की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली लगभग मुफ्त देने की घोषणा की है। इन उपभोक्ताओं को यूनिट दर पर पूरी सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उनका मासिक बिजली बिल या तो शून्य होगा या न्यूनतम ₹50 से कम।
🔹 BPL परिवार:
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर माह 150 यूनिट तक बिजली पर 100% सब्सिडी मिलेगी। यानी इन परिवारों को बिजली के लिए एक भी पैसा नहीं देना होगा। सरकार उनके लिए पूरा बिल वहन करेगी।
🔹 कृषि उपभोक्ता:
खेतों की सिंचाई के लिए बिजली का उपयोग करने वाले किसानों को भी बड़ी राहत दी गई है। कृषि कनेक्शन पर सरकार द्वारा 80% तक सब्सिडी दी जा रही है। इससे सिंचाई की लागत में भारी कटौती होगी और किसानों को बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी।
🔹 अन्य श्रेणियां:
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उपभोक्ताओं को भी विशेष श्रेणी में रखते हुए अतिरिक्त छूट दी गई है। उन्हें प्रति यूनिट दर पर 50-70% तक की सब्सिडी मिलेगी।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
बिहार सरकार का कहना है कि राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की संख्या अधिक है और महंगाई के चलते लोगों पर बिजली बिल का बोझ बढ़ गया है। ऐसे में यह निर्णय लोगों की जेब पर पड़ने वाले असर को कम करने और सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
ऊर्जा मंत्री विजय चौधरी ने बयान में कहा:
“हमारा लक्ष्य है कि बिहार का कोई भी नागरिक अंधेरे में न रहे। बिजली जैसी बुनियादी जरूरत अब हर घर तक पहुंच चुकी है, और अब हम इसे सस्ती और सुलभ बनाने के लिए काम कर रहे हैं।”
कितना खर्च करेगी सरकार?
सरकार की ओर से अनुमान लगाया गया है कि इस स्कीम पर सालाना लगभग ₹13,000 करोड़ का खर्च आएगा। यह राशि बिजली कंपनियों को सीधे सब्सिडी के रूप में दी जाएगी ताकि वे उपभोक्ताओं से पूरी रकम वसूल न करें।
कहां-कहां लागू होगी यह सुविधा?
यह सब्सिडी पूरे बिहार राज्य में लागू होगी, चाहे उपभोक्ता शहरी क्षेत्र में रहता हो या ग्रामीण इलाके में। हालांकि यह जरूरी है कि उपभोक्ता का कनेक्शन विधिवत पंजीकृत और उपयुक्त श्रेणी में होना चाहिए।
आवेदन और पात्रता
- सब्सिडी का लाभ पाने के लिए किसी अलग आवेदन की आवश्यकता नहीं है।
- बिजली विभाग उपभोक्ता की श्रेणी और खपत के आधार पर स्वतः छूट की गणना करेगा।
- जिन उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन वैध नहीं है या बिल बकाया है, उन्हें पहले स्थिति सुधारनी होगी।
निष्कर्ष
बिहार सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक राहत देगा, बल्कि सामाजिक न्याय और ऊर्जा की समान पहुंच को भी सुनिश्चित करेगा। बिजली जैसी बुनियादी सुविधा पर दी गई यह सब्सिडी राज्य के लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है। इस फैसले से जहां आम जनता को राहत मिलेगी, वहीं सरकार की गरीब समर्थक छवि भी और मजबूत होगी।